केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप को छोड़कर देश में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड (पंजीकृत) हैं।
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (फेम) चरण-II योजना के तहत, 68 शहरों में 2,877 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्वीकृत किए गए हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, “ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अनुसार, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 13,34,385 है (आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप के डेटा को छोड़कर, जो VAHAN 4 में उपलब्ध नहीं है) और कुल 2,826 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं जो देश में चालू हैं।”
2020 में 1.5 लाख सड़क दुर्घटनाएं दर्ज
गडकरी ने कहा, इंटरनेशनल रोड फेडरेशन, जिनेवा के वर्ल्ड रोड स्टैटिस्टिक्स (डब्ल्यूआरएस) के अनुसार, भारत में 2020 में 1.5 लाख सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो 207 देशों में दर्ज कुल सड़क दुर्घटनाओं का 26.37 प्रतिशत है।
एक अलग सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 27,25,87,170 पंजीकृत वाहन हैं, जो 207 देशों में पंजीकृत कुल 2,05,81,09,486 वाहनों का 13.24 प्रतिशत है।
टोल वसूली की शिकायतें
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रालय को शिकायतें मिल रही हैं कि बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) के तहत समझौते की अवधि समाप्त होने और देश में पूंजीगत लागत की वसूली के बाद भी विभिन्न टोल सड़कों से टोल वसूला जा रहा है, गडकरी ने इसका जवाब हां में दिया।
उन्होंने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) में अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस और कोल्हापुर जिला लॉरी ऑपरेटर्स एसोसिएशन से उपयोगकर्ता शुल्क के संग्रह के संबंध में शिकायतें मिली हैं।”
एक अन्य सवाल के जवाब में, मंत्री ने कहा कि 30 जून, 2022 तक, बीओटी ऑपरेटर एनएचएआई के साथ अपने रियायत समझौते के अनुसार 214 शुल्क प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क जमा कर रहे हैं।