पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तनूख्वा प्रांत में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एक मोटरसाइकिल से सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाया। इसमें कम से कम 19 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
बम निरोधक दस्ते के प्रभारी इनायतुल्ला टाइगर ने बताया कि सुरक्षा बलों का काफिला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान से दक्षिण वजीरिस्तान के असमान मांजा इलाके की ओर जा रहा था, तभी आत्मघाती हमलावर ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हमले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इससे पहले बुधवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान के दत्ता खेल बाजार में विस्फोटकों से लदी कार से एक आत्मघाती हमलावर ने एक सुरक्षा चौकी को निशाना बनाया था, जिसमें दो सैनिक समेत चार लोग शामिल थे।
आज का आत्मघाती हमला अफगानिस्तान की सीमा से सटे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुआ है और यह आतंकवादी समूह टीटीपी का पुराना गढ़ है।
30 जनवरी को पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 101 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
पिछले साल नवंबर में टीटीपी ने जून 2022 में सरकार के साथ हुए अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम को रद्द कर दिया था और अपने आतंकवादियों को सुरक्षा बलों पर हमले करने का आदेश दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान आतंकवाद की नई लहर से प्रभावित है।
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अफगानिस्ता में तालिबान का शासन आने के बाद टीटीपी के हमले बंद हो जाएंगे या कम हो जाएंगे और वह अपनी जमीन का इस्तेमाल बंद कर देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टीटीपी के हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
वर्ष 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के समूह के रूप में गठित टीटीपी ने संघीय सरकार के साथ संघर्ष विराम तोड़ लिया था और अपने आतंकवादियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया था।