नीति आयोग की बैठक खत्म; पीएम के विरोध में आठ राज्यों के सीएम ने किया किनारा

देश के तेजी से विकास के लिए दिल्ली में नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस बैठक में ‘विकसित भारत’ पर चर्चा हुई। हालांकि ये बैठक भी राजनीति की भेंट चढ़ गई, जहां आठ राज्यों के सीएम ने आने से इनकार कर दिया। इस फैसले को भाजपा ने जनविरोधी और गैर जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि बैठक से किनारा करके सीएम अपने राज्यों की आवाज दबा रहे हैं।

गौरतलब है, नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक आज प्रगति मैदान में हुई। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का मुख्य विषय विकसित भारत@2047 : टीम इंडिया की भूमिका था। बैठक से पहले आयोग ने एक बयान में कहा था कि यहां एमएसएमई, बुनियादी ढांचा और निवेश, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण, कौशल विकास, और गति शक्ति सहित प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री या उपराज्यपालों को बैठक में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान आठ राज्यों के सीएम ने बैठक से किनारा कर लिया।

इन लोगों ने किया किनारा

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के भगवंत मान, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, बिहार के नीतीश कुमार, तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव, राजस्थान के अशोक गहलोत, केरल के पिनाराई विजयन और तमिलनाडु के एमके स्टालिन इस बैठक में शामिल नहीं हुए।

रविशंकर का हमला

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज नीति आयोग की बैठक में आठ मुख्यमंत्री नहीं आए। उन्होंने कहा कि नीति आयोग देश के विकास और योजनाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस बैठक के लिए 100 मुद्दे तय किए गए हैं, अब जो मुख्यमंत्री नहीं आए हैं वो अपने प्रदेश की जनता की आवाज यहां तक नहीं ला रहे हैं। मंत्री ने शामिल नहीं होने वाले उन सभी मुख्यमंत्रियों से पूछा कि आखिर वे मोदी विरोध में कहां तक जाएंगे?

विरोध करने का अवसर मिलेगा

उन्होंने कहा कि आपको पीएम मोदी का विरोध करने के लिए और भी कई अवसर मिलेंगे। कम से कम अपने राज्यों के लोगों के बारे में तो सोचों। उनके विकास के काम में क्यों बाधा पहुंचा रहे हो। मंत्री ने कहा कि आठ मुख्यमंत्रियों द्वारा बैठक का बहिष्कार करने का यह निर्णय पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना है और सार्वजनिक हित के खिलाफ है।

प्रसाद ने कहा कि भाजपा पर आरोप लगाया जाता है कि वह संस्थाओं का सम्मान नहीं करती है, लेकिन इस आचरण से पता चलता है कि विपक्षी दल नीति आयोग जैसे संस्थानों की कितनी इज्जत करते हैं। वे उच्चतम न्यायालय पर टिप्पणी करते हैं, चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हैं। यानी उनके मनमाफिक ना हो तो सबकी आलोचना करेंगे। क्या इसी तरह से वे संस्थाओं का सम्मान करते हैं।

इसलिए ये मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे

अरविंद केजरीवाल: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र के अध्यादेश के विरोध में बैठक का बहिष्कार किया। केजरीवाल ने शुक्रवार को एक पत्र भी पीएम मोदी को लिखा था। इसमें कहा गया था कि वह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक 19 मई के अध्यादेश के विरोध में बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।

ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल में नीति आयोग की बैठक में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा, क्योंकि राज्य के वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को भेजने के टीएमसी सरकार के अनुरोध को केंद्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था। बनर्जी पहले ही नीति आयोग की आठवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला कर चुकी हैं।

नीतीश कुमार: बिहार कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि नीतीश कुमार पूर्व निर्धारित कई कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।

चंद्रशेखर राव: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि उनकी शनिवार को हैदराबाद में केजरीवाल के साथ बैठक होनी है। यह बैठक सेवाओं के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल के एक अभियान का हिस्सा है।

एमके स्टालिन: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सिंगापुर और जापान के दौरे पर हैं और इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

भगवंत मान: पंजाब के मुख्यमंत्री फंड देने के मुद्दे पर केंद्र द्वारा राज्य के साथ कथित भेदभाव के विरोध में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

अशोक गहलोत: राजस्थान के सीएम ने बैठक में शामिल नहीं होने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।

पिनाराई विजयन: केरल के मुख्यमंत्री ने अपनी अनुपस्थिति का कोई विशेष कारण नहीं बताया है।

‘राज्य बढ़ते हैं तो भारत बढ़ता है…’
प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए साझा विजन विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे नागरिकों के सपनों को पूरा करने वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण फैसले लें। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब राज्य बढ़ते हैं तो भारत बढ़ता है।  
 
नीति आयोग ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण निर्णय लेने का आग्रह किया है ताकि वे वित्तीय रूप से मजबूत बन सकें और नागरिकों के सपनों को पूरा करने वाले कार्यक्रमों को पूरा करने में सक्षम हो सकें।” आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।

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