पाकिस्तान: सेना के काफिले से टकराया आत्मघाती हमलावर, धमाके में नौ की मौत

पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। दरअसल टीटीपी के आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के नौ जवानों की मौत की खबर है। घटना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की है, जब एक बाइक सवार आत्मघाती आतंकी ने सेना के काफिले को धमाके से उड़ा दिया। इस धमाके में पाकिस्तानी सेना के नौ जवानों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने यह जानकारी दी है। बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक आतंकी ने विस्फोटक लदी कार से सीआरपीएफ के काफिले के वाहन में टक्कर मार दी थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

  टीटीपी ने ली हमले की जिम्मेदारी
पाकिस्तानी सेना के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) शाखा ने बताया कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में गुरुवार को एक बाइक सवार आत्मघाती हमलावर ने सेना सेना के काफिले को निशाना बनाया। हमलावर ने अपनी बाइक काफिले के एक वाहन से टकरा दी। इससे जबरदस्त विस्फोट हुआ और वाहन में सवार नौ जवानों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। 

प्रधानमंत्री ने घटना पर जताया दुख
घटना के बाद सुरक्षाबलों और जांच एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर इलाके की घेराबंदी कर दी है और इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दी है। वहीं इस आतंकी हमले की घटना पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने दुख जताया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं जाहिर की हैं। बता दें कि बीते कुछ समय से पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। खासकर टीटीपी द्वारा पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया है। 

पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है टीटीपी
टीटीपी कई आतंकी संगठनों का समूह है, जिसकी स्थापना साल 2007 में की गई थी। अफगानिस्तान की सीमा से लगते खैबर पख्तूनख्वा में इस आतंकी संगठन का काफी प्रभाव है और यहां कई आतंकी हमलों के पीछे टीटीपी की भूमिका रही है। बीते महीने ही खैबर पख्तूनख्वा में एक पुलिस चौकी पर टीटीपी के आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। बीती 30 जनवरी को पेशावर में एक मस्जिद में आत्मघाती आतंकी ने दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। साल 2014 में पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए टीटीपी के हमले में भी 130 से अधिक छात्र मारे गए थे, जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना हुई थी। 

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