25 सितंबर को चचेरे भाई के साथ बस में लुधियाना से पठानकोट आते समय अचानक गायब हुए सीआरपीएफ जवान का शव चक्की दरिया के किनारे झाड़ियों के बीच से बरामद हुआ है। मृतक वसीम अफजल जम्मू और कश्मीर के जिला रामबन का रहने वाला था। वह रांची में सीआरपीएफ 174 बटालियन में तैनात था और छुट्टी पर अपने घर आ रहा था।
भाई के मुताबिक वसीम अफजल कुछ दिनों से दिमागी तौर पर परेशान था। शिकायतकर्ता जम्मू और कश्मीर के जिला रामबन के मुदसर अफजल ने पुलिस को बताया कि उसका भाई वसीम अफजल सीआरपीएफ 174 बटालियन में नौकरी करता था, जो दिमागी तौर पर बीमार था। वह अपनी ड्यूटी से छुट्टी लेकर जम्मू आ रहा था लेकिन वह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतर गया। वह दिल्ली से लुधियाना आ गया। उसने अपने भतीजे नजाकत हुसैन को वसीम अफजल को लेने लुधियाना भेजा।
नजाकत हुसैन और वसीम अफजल दोनों लुधियाना से बस में बैठकर आ रहे थे। जब बस पठानकोट-जालंधर हाईवे स्थित मीरथल के पास रुकी तो उसका भाई वसीम नजाकत हुसैन को बिना बताए बस से नीचे उतरकर गांव आबादगढ़ चक्की दरिया की ओर भाग गया। भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट 26 सितंबर को नंगलभूर थाने में दर्ज करवाई थी। नंगलभूर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।