गन्ना मूल्य का भुगतान

उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने विधान सभा में बताया कि वर्तमान पिराई सत्र का ३९६४.४५ करोड़ रुपया अभी तक प्राइवेट चीनी मीलो पर बकाया है, इसके अतिरिक्त ४४०.६७ करोड़ रुपया सहकारी तथा सरकारी चीनी मिलों का शेष है।

सदन में विपक्ष के विधायकों ने सरकार पर चीनी मिल मालिकों की तरफदारी करने का आरोप लगाया और कहा कि १४ दिनों के भीतर भुगतान करने का जो आदेश कोर्ट ने दिया था उसके बाद भी किसानों का गन्ना मूल्य न दिया जाना अन्याय है।

गन्ना मंत्री ने आंकड़े देकर बताया कि हमारी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में १७८९२४ करोड़ रूपये का गन्ना भुगतान कराया है। उन्होंने कहा कि मायावती सरकार में १७ चीनी मिल कौड़ियों के दाम बेच दी थीं और सपा सरकार ने ११ मिलें बेचीं थी।

खेद है कि राज्य सरकार इस असलियत को स्वीकार करने को तैयार नहीं कि गन्ना उत्पादकों को समय से भुगतान नहीं हो पा रहा है।  किसान नेता वीएम सिंह इस मामलो को लेकर कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष कर रहे हैं। बार-बार आश्वासन के पश्चात भी समय से भुगतान न होना किसानों के लिए अनेक संकट उत्पन करता है। भविष्य के लिए राज्य सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए कि किसानों को समय पर लाभप्रद गन्ना मूल्य मिल सके।

गोविन्द वर्मा

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