पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पर्ल ग्रुप स्कैम आया सामने,पंजाब सरकार में तनाव का माहोल

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 से पहले 48 हजार करोड़ के पर्ल ग्रुप स्कैम का जिन्न फिर बाहर निकल आया है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद पर्ल ग्रुप ने 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी बेच डाली। जिसका खुलासा पंजाब सरकार की बनाई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने किया। उन्होंने इस दावे के साथ कोर्ट में चार्जशीट दायर की। इसके बाद कैप्टन सरकार के लिए चुनाव में मुश्किल बढ़ सकती है। लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख विधायक सिमरजीत बैंस ने कहा कि कैप्टन सरकार ठगी के शिकार लोगों का रुपया वापस करने का दावा कर सत्ता में आई थी। इसके बावजूद लोग भटक रहे हैं। अब 10 लाख पीड़ित लोगों को साथ लेकर वो कैप्टन सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

2016 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक, 2020 में केस दर्ज होने तक बेची प्रॉपर्टी
पर्ल ग्रुप में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों को तय समय में रुपए वापस नहीं मिले तो इस मामले को लेकर काफी विवाद हुआ। केस दर्ज होने के बाद मालिक निर्मल सिंह भंगू को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो साल 2016 में पर्ल ग्रुप की भारत या विदेशों में स्थित सभी तरह की प्रॉपर्टी की खरीदफरोख्त पर रोक लगा दी गई। भंगू के खिलाफ केस 2020 में केस दर्ज हुआ, तब तक कंपनी ने 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी को बेच दिया। यह प्रॉपर्टी मुंबई, गुरुग्राम, मोहाली आदि इलाकों में थी। इस बारे में पंजाब पुलिस की DIG हरदयाल सिंह मान वाली एसआईटी ने जीरा कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी।

एसआईटी चार्जशीट में मालिक की बेटी व दामाद निकले थे मुख्य आरोपी

चार्जशीट में पर्ल ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भंगू के दामाद हरसतिंदर सिंह हेयर को प्रमुख आरोपी बनाया गया। हेयर को मई महीने में मोहाली से गिरफ्तार किया गया। वहीं उसकी बेटी बरिंदर कौर को दिल्ली एयरपोर्ट से अमेरिका जाते वक्त पकड़ा गया। जमीन की बिक्री में भंगू की बेटी बरिंदर कौर व दामाद हरसतिंदर सिंह के अलावा भतीजे गुरप्रीत भंगू, अवतार सिंह के अलावा कंपनी से जुड़े मुनीश जाखड़, तरलोचन सिंह, सर्बजीत सिंह संघेड़ा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। जांच में यह भी पता चला था कि प्रापर्टी बेचकर सारा रुपया विदेश ट्रांसफर कर दिया गया।

बैंस बोले – पर्ल ग्रुप की जमीनों पर अकाली व कांग्रेसी काबिज
विधायक सिमरजीत बैंस ने बताया कि पंजाब में 10 लाख परिवारों ने 25 लाख पॉलिसी खरीदी। जिसकी कीमत 10 हजार करोड़ है। पंजाब में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने अधिकारिक घोषणा की थी कि कुछ महीनों में लोगों को रुपया वापस दिला देंगे। इसके बावजूद कुछ नहीं किया। उन्होंने ठगी के शिकार सभी पीड़ित लोगों के नाम व पॉलिसी नंबर जुटा लिए हैं। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में पर्ल ग्रुप की 20 हजार करोड़ की प्रापर्टी है। जिस पर पर्ल ग्रुप के ठगे लोग नहीं बल्कि अकाली दल व कांग्रेस के नेता काबिज हैं। ठगी के शिकार लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए जल्द आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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