किसान महापंचायत में अराजक तत्वों के पहुंचने का अलर्ट

भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर करनाल अनाज मंडी में किसानों की महापंचायत चल रही है। इसके लिए हरियाणा सरकार और करनाल प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हुए हैं। आईजी करनाल ने अपने ट्विटर हैंडल से किसान महापंचायत में अराजक तत्वों के पहुंचने संबंधी अलर्ट जारी किया है। IG करनाल के अनुसार जिले के रंभा, निसिंग और आसपास के अन्य एरिया से बहुत से लोग बहुत से लोग लाठियां, जेली व लोहे की रॉड आदि से लैस होकर अनाज मंडी में पहुंचे हैं। किसान महापंचायत के संदर्भ में लोगों की ओर से ऐसा करना किसी अच्छी पहल को नहीं दर्शा रहा है। ट्वीट में आईजी ने इंटेलिजेंस की रिपोर्ट का हवाला दिया है। ट्वीट के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इस संबंध में किसान नेताओं से बात कर रहे हैं, ताकि ऐसे लोगों को रोका जा सके। करनाल जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से ऐसे अराजक तत्वों को चेतावनी जारी की गई है कि वे कानून को अपने हाथ में न लें और व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करें। ऐसे सभी अराजक तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।

चढूनी की शांति बनाए रखने की अपील
वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसान महापंचायत में भाग लेने करनाल अनाज मंडी में पहुंचे किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी स्तर पर कानून को अपने हाथ में नहीं लेना है। इसलिए व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।

ऐसे हैं सुरक्षा के इंतजाम
किसानों को करनाल में घुसने से रोकने के लिए शहर को चारों तरफ से सील किया गया है। जगह-जगह पुलिस और सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। इंटरनेट सेवा बंद है। करनाल शहर में हाईवे से एंट्री बैन है। अनाज मंडी के सभी पांचों प्रवेश द्वारों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है। पुलिस ने रेत से भरे ट्रक अड़ाकर रास्ते ब्लॉक कर दिए हैं। जीटी रोड से लघु सचिवालय तक आने वाले रास्ते और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक हैं। पैरामिलिट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात हैं। पुलिस की 30 कंपनियां और पैरामिलिट्री फोर्स की 10 कंपनियां तैनात हैं। 5 SP और 25 DSP की ड्यूटी है। वॉटर कैनन और ड्रोन भी तैनात हैं। पूरे जिले में धारा 144 लागू है।

क्यों कर रहे किसान महापंचायत?
पुलिस ने 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई किसान घायल हो गए थे। आरोप है कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल ने अगले दिन दम तोड़ दिया था। 30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत करके हरियाणा सरकार से तीन मांगें की थी। इनमें सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा व एक मेंबर को सरकारी नौकरी देना, घायल किसानों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा और लाठीचार्ज के आदेश देने वाले SDM, DSP व दूसरे पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग शामिल थी। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 6 सितंबर तक उनकी ये तीनों मांगे पूरी नहीं की गई तो 7 सितंबर को करनाल में दोबारा महापंचायत कर मिनी सचिवालय का घेराव किया जाएगा, लेकिन 6 सितंबर को हुई बैठक बेनतीजा रही।

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