छत्तीसगढ़ में लोगो ने कहा कोरोना तो सिर्फ मीडिया का फैलाया भ्रम है।

दुनियाभर में जहां लोग कोरोना के डर से उपलब्ध सभी नुस्खे आजमा रहे हैं, वैक्सीन से लेकर बूस्टर के डोज लगवा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों के लिए यह महामारी के एक भ्रम है। चौंकिए मत, ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि खुद वहां के लोग कह रहे हैं। रायपुर जिला प्रशासन की नाक के नीचे कुछ लोगों ने अजीब प्रदर्शन किया। ये लोग भीड़ इकट्ठा कर रायपुर के धरनास्थल पर जमा हो गए। इनके हाथों में तख्तियां भी थीं, इनमें लिखा था मास्क स्वैच्छिक है, नो मास्क, नो वैक्सीन, टीका नहीं लगवाएंगे, हमारा शरीर हमारा है सरकार का नहीं, टीवी मीडिया ही कोरोना है, कोरोना सिर्फ सामान्य सर्दी खांसी है।

राज्य में 13 हजार से अधिक मौत
पिछले दो वर्षों से पूरा विश्व इस सर्वव्यापी महामारी के आतंक को झेल रहा है। ना जाने कितने करोड़ मरीजों ने इसके चपेट में आ कर अपनी जान गवां दी। खुद छत्तीसगढ़ राज्य में 13 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई और उसकी ही राजधानी में जमा होकर इन लोगों ने कह दिया कोरोना तो सिर्फ मीडिया का फैलाया भ्रम है।

प्रशासन की सख्ती, एफआईआर दर्ज
प्रशासन से पुलिस भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देने में असमर्थ रही। लोगों की मनमानी को देखते हुए पुलिस ने भीड़ को हद में लाने की भरपूर कोशिश की। हालांकि, धरनास्थल के पास ही चाय का स्टॉल लगाने वाले मोह. कासिम नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने अब इन प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज कर लिया है। आईपीसी की धारा 149 यानी भीड़ का एक राय होकर किसी अपराध को अंजाम देना, महामारी नियमों का उल्लंघन और जानबूझकर बीमारी फैलाना लोगों के लिए खतरा खड़ा करने की धारा 269 और 270 के तहत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन पांचों के नाम डॉ सुशन राज, दीपक सरवान, नरेंद्र गुप्ता, दुष्यंत कुमार और रानू ब्रम्ने हैं। जानकारी के मुताबिक, इन पांचों ने गुपचुप तरीके से रविवार की शाम कोरोना को एक साजिश बताकर रायपुर के धरना स्थल में धरना दिया था।

भीड़ में किसी ने नहीं पहना मास्क
शिकायतकर्ता मो कासिम ने अपनी याचिका में बताया कि ये लोग पोस्टर लिए प्रदर्शन कर रहे थे, जिनमें लिखा था- जबरन टीकाकरण बंद करो, कोरोना महामारी या महा साजिश, मेरा शरीर मेरा अधिकार, कोरोना एक षडयंत्र है। इसके अलावा नारेबाजी से लेकर अनशन पर बैठने की धमकी भी दे रहे थे। 

भीड़ में किसी ने भी मास्क नहीं पहना था और जब इन लोगों को धरना से हटाने की कोशिश की गई, तो यह पुलिस से बदतमीजी पर उतर आए। हालांकि कुछ देर बाद ये सभी लोग धरना स्थल से नौ दो ग्यारह हो गए। पर पुलिस ने कहा है कि वे इनमें से एक-एक को ढूंढ कर लाएगी और उनकी गैर जिम्मेदारी पर सबक सिखाएगी।

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