उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली नगर से सटे शेखपुरा और भूड़ गांव की करीब 50 हजार की आबादी शुद्ध पेयजल के लिए तरस रही है। अधिकतर घरों में नल हैं, लेकिन भूगर्भ जल प्रदूषित होने के कारण ग्रामीण पानी नहीं पी सकते। ग्रामीणों को पीने के लिए कैंपर खरीदने पड़ रहे हैं। सरकारी हैंडपंपों का पानी भी खराब है।
ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को मामले की जानकारी दी गई, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। प्रदूषित पेयजल के कारण बीमारियां बढ़ रही है। पेट से संबंधित बीमारियां दोनों गांव में सबसे अधिक है। हैंडपंपों से पीले रंग का पानी निकल रहा है। दो दशक पहले जलनिगम ने दोनों गांव को पानी सप्लाई करने के लिए ओवरहैड टैंक का निर्माण कराया था, लेकिन अभी तक सप्लाई नहीं मिली है।
समस्या बढ़ी तो लग गए पानी के प्लांट
प्रदूषित पेयजल की समस्या का समाधान तो नहीं हुआ, लेकिन पानी के प्लांट जरूर बढ़ गए। खतौली के आसपास ऐसे कई प्लांट लग गए, जिनसे इन दोनों गांव में पेयजल सप्लाई किया जा रहा है।
सरकारी नल का पानी भी खराब
भूड़ के प्रधान हाजी हारूण का कहना है कि पानी बेहद प्रदूषित है। सरकारी नल का पानी भी खराब है। प्रदूषण विभाग से शिकायत की गई, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ।
खराब भूजल बना है समस्या
शेखपुरा के प्रधान रविदत्त का कहना है कि शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वाटर कूलर लगवाए गए हैं, लेकिन भूजल की स्थिति बेहद खराब है। इससे ग्रामीण परेशान हैं।
पीने लायक नहीं पानी
शेखपुरा के व्यापारी हरिओम टंडन का कहना है कि प्रशासन समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है। भूजल पीने लायक नहीं है।
बीमारी फैला रहा पेयजल
शेखपुरा के चंद किरण सैनी का कहना है कि हैंडपंप से निकलने वाला पानी बीमारियां फैला रहा है। पशु भी बीमार हो रहे हैं।
खरीदकर पी रहे पानी
भूड़ के इस्लाम का कहना है कि प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। लोगों को पानी भी खरीदकर पीना पड़ रहा है। हालात खराब है।
जांच कराए प्रशासन
भूड़ के दीनू मलिक का कहना है कि शुगर मिल के टैंक की वजह से गांव में पेयजल प्रदूषित है। प्रशासन को जांच करानी चाहिए।
पेयजल की कराएंगे जांच
एसडीएम जीत सिंह राय का कहना है कि दोनों गांव के पेयजल की जांच कराई जाएगी। पानी पीला आने की शिकायत मिली है, ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी