ज्ञानवापी में साक्ष्यों से छेड़छाड़ मामले में मसाजिद कमेटी पर मुकदमा दर्ज करने की याचिका खारिज

ज्ञानवापी परिसर में साक्ष्यों और शिवलिंग को क्षति पहुंचाने के आरोप में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली निगरानी याचिका को जिला जज ने खारिज कर दिया। स्पेशल सीजेएम की अदालत में अर्जी खारिज होने के बाद जिला जज के यहां निगरानी अर्जी दाखिल की गई थी।

23 जून को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश के लिए पत्रावली को सुरक्षित रख लिया था। यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन की तरफ से दाखिल कर स्पेशल सीजेएम के आदेश को चुनौती दी गई थी।

जिसमें कहा गया था कि ज्ञानवापी के मूल स्वरूप को परिवर्तित कर धार्मिक उपासना स्थल अधिनियम-1991 का उल्लंघन किया जा रहा है। चूंकि ज्ञानवापी परिसर का प्रबंधन अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी करता है। लिहाजा, इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने का अनुरोध किया गया था। शुक्रवार को जिला जज ने कहा कि निगरानी याचिका में वादी पक्ष की तरफ से ऐसे किसी भी तथ्य का उल्लेख नहीं किया गया है जिससे विरोध पक्ष पर संगेय अपराध बनता हो। ऐसे में निगरानी याचिका खारिज की जाती है।यहां बता दें कि विश्व वैदिक सनातन संघ ने 14 जून को ज्ञानवापी परिसर में साक्ष्यों के अलावा शिवलिंग को क्षति पहुंचाने के खिलाफ वाद दाखिल करने के लिए जिला न्यायालय में रिवीजन याचिका दाखिल की थी।  इससे पहले 30 मई को विसेन के आवेदन को स्पेशल सीजेएम ने यह कहते हुए खारिज किया था कि मामला सिविल कोर्ट में भी चल रहा है। 

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