बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई की आड़ में चल रही देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ NIA की टीम ने धरपकड़ तेज कर दी है। इसके तहत आज NIA की टीम दरभंगा के शंकरपुर गांव पहुंची जहां कई घरों की तलाशी ली जा रही है। इस दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती देखी गई। बता दें कि पटना टेरर मॉड्यूल मामले का खुलासा हाल ही में बिहार पुलिस ने PFI समूह के साथ कथित संबंधों के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ किया था।
दरभंगा के रहने वाले हैं तीन आरोपी
दरभंगा के एसएसपी अवकाश कुमार के अनुसार तीनों आरोपी दरभंगा के रहने वाले हैं। इनमें से एक नूरुद्दीन जंगी को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। बिहार पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की थी। कुमार ने कहा कि वे पटना पुलिस के लगातार संपर्क में हैं। तीनों की पहचान दरभंगा जिले के उर्दू बाजार के नूरुद्दीन जंगी के अलावा शंकरपुर के मुस्तकीम और सनाउल्लाह उर्फ अकीब के रूप में हुई है। ये तीनों पीएफआई से जुड़े हुए हैं।
झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को भी किया गया था गिरफ्तार
झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को 13 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया गया था, जबकि नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना था इन आतंकियों का लक्ष्य
पटना पुलिस के मुताबिक, आतंकियों ने पटना के फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस की दूसरी मंजिल को ट्रेनिंग सेंटर बनाया था। ये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया से भी जुड़े थे, जो बिहार में कई जगहों में फैले हुए हैं। पकड़े गए दोनों आतंकी मार्शल आर्ट की आड़ में आतंक की ट्रेनिंग दे रहे थे। इनके पास से PFI-SDPI का गुप्त दस्तावेज ‘मिशन 2047’ मिले थे जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात कही गई थी।
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