राजस्थान के 10 अलग-अलग रूटों पर वंदेभारत ट्रेनों को चलाने की योजना तैयार

राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भले ही अभी वक्त हो, लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने अभी से राज्य में चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में केंद्र सरकार भी अब प्रदेश को चुनावी सौगात देने के बहाने वोटबैंक को मजबूत करने में जुट गई है। इसी सिलसिले में रेल मंत्रालय राजस्थान के 10 अलग-अलग रूटों पर वंदेभारत ट्रेनों को चलाने की योजना तैयार कर रहा है। इनमें जयपुर-दिल्ली, जयपुर-जोधपुर, जयपुर-कोटा रूट शामिल हैं। जबकि सात अन्य रूट जल्द ही निर्धारित किए जाएंगे। इन रूट पर यात्रा केवल दो से ढाई घंटे में पूरी हो सकेगी।

रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इन ट्रेनों के ट्रैक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। साथ ही 200 नई वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में दो नई वंदे भारत ट्रेन सेट का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। अगस्त महीने के अंत तक दोनों रैक बाहर जाएंगे। अगले साल 2023 तक 75 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

दो घंटे में पूरी होगी यात्रा

जानकारों का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन राजस्थान रूट पर सबसे पहले राजधानी को कनेक्ट करने वाली हो सकती है। जयपुर-दिल्ली रूट पर इस ट्रेन के चलने से प्रदेशवासियों को एक बड़ा फायदा होगा। व्यावसायिक गतिविधियों के लिए दिल्ली जाने वाले लोग महज दो घंटे में अपनी यात्रा पूरी कर लेंगे। वंदे भारत की अधिकतम रफ्तार 180 किमी, जबकि न्यूनतम रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही उत्तर पश्चिम रेलवे को पांच रैक मिलने वाले हैं। यह सितंबर 2022 में आने शुरू होंगे जो कि अगस्त 2023 में पूरी तरह से पहुंच जाएंगे। वंदेभारत ट्रेन के लिए रखरखाव और मेंटेनेंस के लिए जयपुर, जोधपुर, गंगानगर में डिपो बनाने का काम जारी है।

आटो ब्रेकिंग सिस्टम पर चलेगी कवच प्रणाली

इधर, दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-कटरा वंदेभारत को भी अब कवच सेफ्टी प्रणाली में शामिल कर लिया गया है। इससे वंदे भारत ट्रेनों को रेड सिग्नल पार न करने, तय स्पीड से ज्यादा पर ट्रेन नहीं चलाने और ट्रेनों के आमने-सामने टकराने वाली दुर्घटनाओं की संभावना को रोकने में मदद मिलेगी। कवच तकनीक सैटेलाइट द्वारा रेडियो कम्युनिकेशन के माध्यम से लोकोमोटिव और स्टेशनों में आपसी समन्वय बनाती हैं, जिससे लोको पायलट को जहां एक और आगे वाले सिग्नलों की स्थिति के बारे में पता चलता है।

इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगले तीन सालों में 400 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने की योजना है। भारतीय रेलवे ने हाल ही में 200 स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस के लिए टेंडर जारी किया है, तो वहीं 100 से अधिक चेयर वाली ट्रेन का टेंडर जारी करने पर काम कर रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल पंद्रह अगस्त को लाल किला से एलान किया था कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 75 सप्ताह में 75 शहरों को जोड़ने वाली 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। पीएम के इस एलान के बाद पहली वंदे भारत ट्रेन इसी साल दिसंबर में बन कर तैयार होने की उम्मीद है।

मिलेंगे ये फीचर

रेलवे ने ये ज़िम्मा अपने चेन्नई स्थित सवारी डिब्बा रेल कारख़ाना यानी आईसीएफ़ चेन्नई को दिया है। वंदे भारत ट्रेन कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस ट्रेन में ऑन बोर्ड वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री इन्फॉर्मेशन सिस्टम, खूबसूरत आंतरिक सजावट, वैक्यूम शौचालय, एलईडी लाइट, हर सीट के नीचे चार्जिंग प्वाइंट, हर सीट के नीचे रीडिंग लाइट, इंटेलिजेंट एयर कंडीशनिंग सिस्टम, दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर के उपयोग से ट्रेन में चढ़ने की सुविधा, उनके लिए अलग से शौचालय, सीसीटीवी, फायर फाइटिंग सिस्टम, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजा जैसी सुविधाएं हैं।

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