जापान के पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में शामिल हुए पीएम मोदी

तोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ एक सार्थक बैठक की। मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दुखद निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और एक मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण की परिकल्पना में उनके योगदान की सराहना की। मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए तोक्यो पहुंचे थे। अंतिम संस्कार से पहले मोदी ने किशिदा से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक तथा वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने और क्षेत्र में एवं विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समूहों और संस्थानों में एकसाथ काम करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री किशिदा के साथ सार्थक बैठक की। हमने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज स्टेट फ्यूनरल अटेंड करने निप्पॉन बुडोकन कम्युनिटी सेंटर पहुंच गए हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की।’’ विदेश मंत्रालय ने करीब 25 मिनट तक चली इस बैठक पर एक बयान में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने को लेकर एक सार्थक विचार-विमर्श किया। उन्होंने कई क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।’’ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आबे के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और भारत-जापान साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ एक मुक्त, खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आबे के योगदान को याद किया। आबे के साथ मोदी के घनिष्ठ संबंध थे। मोदी ने कहा, ‘‘मैं पूर्व प्रधानमंत्री आबे के आकस्मिक निधन से बेहद दुखी हूं..उन्होंने भारत-जापान संबंधों को एक ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया और कई क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार भी किया।’’ मोदी ने अपनी पिछली जापान यात्रा को याद करते हुए कहा कि उस दौरान उनकी आबे के साथ लंबी बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत आपको याद कर रहा है शिंजो आबे।’’ गौरतलब है कि आबे (67) की आठ जुलाई को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह दक्षिणी जापानी शहर नारा में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। 

मोदी ने किशिदा से कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान के संबंध और प्रगाढ़ होंगे और नई ऊंचाई हासिल करेंगे।’’ वहीं, किशिदा ने आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने आने को लेकर मोदी का आभार जताया। जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री किशिदा ने पूर्व प्रधानमंत्री आबे की राजनयिक विरासतों को आगे बढ़ाते हुए ‘‘एक मुक्त, खुले हिंद-प्रशांत’’ के दृष्टिकोण को साकार करने के वास्ते प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करते रहने की इच्छा जाहिर की। बयान के अनुसार, किशिदा ने कहा कि इस साल जब जापान-भारत अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और अगले साल जब जापान तथा भारत क्रमश: जी7 और जी20 की अध्यक्षता करेंगे यह समय ‘‘जापान-भारत की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी’’ को और मजबूत करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति व्यक्त की। बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति सहित क्षेत्रीय स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के साझा दृष्टिकोण को दोहराया। साथ ही, अगले साल जी7 और जी20 में क्रमश: जापान और भारत की अध्यक्षता के मद्देनजर साथ काम करते रहने को लेकर भी प्रतिबद्धता व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी निप्पॉन बुडोकन में आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुए, जिसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख शामिल थे। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री आबे के योगदान को याद किया, जिन्हें वह एक प्रिय मित्र और भारत-जापान साझेदारी का पक्षधर मानते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अकासा पैलेस में आबे की पत्नी के साथ एक निजी मुलाकात भी की। बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीमती आबे के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अपनी गहरी मित्रता और भारत-जापान संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने में पूर्व प्रधानमंत्री आबे के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री किशिदा के साथ संक्षिप्त बातचीत भी की।

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