PDPU के दीक्षांत समारोह में बोले PM मोदी- कुछ बदलेगा नहीं की लकीर मिटानी होगी, दुनिया को हमसे आशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मोनोक्रिस्टलाइन सोलर फोटो वोल्टाइक पैनल के 45 मेगावाट के उत्पादन संयंत्र का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आप ऐसे समय में इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं, जब सर्वव्यापी महामारी के चलते पूरी दुनिया के एनर्जी सेक्टर में भी बड़े बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में आज भारत में एनर्जी सेक्टर में विकास की, इटर्नशिप और रोजगार की असीम संभावनाए हैं।

“क्षमताएं चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं”

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश अपने कार्बन फुटप्रिंट को 30-35% तक कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रयास है कि इस दशक में अपनी ऊर्जा जरूरतों में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी को 4 गुणा तक बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में ग्रैजुएट होना जब दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है,ये कोई आसान बात नहीं है। लेकिन आपकी क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। समस्याएं क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आपका उद्देश्य क्या है, आपकी पसंद क्या है और आपकी योजना क्या है?

“इच्छाओं के अंबार से संकल्प की शक्ति अपरंपार होती है”

प्रधानमंत्री ने कहा, आप देखिए जीवन में वही लोग सफल होते है, वही लोग कुछ कर दिखाते है जिनके जीवन में सेंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी का भाव होता है। विफल वो होते है जो सेंस ऑफ बर्डन में जीते है। सेंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी का भाव व्यक्ति के जीवन में सेंस ऑफ अपॉर्चुनिटी को भी जन्म देता है। पीएम ने कहा कि इच्छाओं के अंबार से संकल्प की शक्ति अपरंपार होती है। करने के लिए बहुत कुछ है, देश लिए पाने को बहुत कुछ है, पर आपके लक्ष्य टुकड़ों में बिखरे नहीं होने चाहिए।आप कमिटमेंट के साथ आगे बढ़ेंगे तो अपने भीतर ऊर्जा का भंडार महसूस करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज की जो पीढ़ी है, 21वीं सदी का जो युवा है, उसको एक क्लीन स्लेट के साथ आगे बढ़ना होगा। कुछ लोंगों के मन में ये जो पत्थर की लकीर बनी हुई है, कि कुछ बदलेगा नहीं, उस लकीर को क्लीन करना होगा। और क्लीन हर्ट…क्लीन हर्ट मतलब साफ नीयत।पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया की आशाएं और अपेक्षाएं भारत से हैं और भारत की आशा और अपेक्षा आपके साथ जुड़ी हैं। हमें तेज गति से चलना ही होगा, आगे बढ़ना ही होगा।

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