पीएम मोदी बोले- भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं बल्कि स्वभाव और सहज प्रकृति है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज शिमला में आयोजित अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया. उस दौरान उन्होंने कहा, हमें देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है. असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं.ये अमृत संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे. लोकतंत्र में, भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम ‘सबका प्रयास’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है.

उन्होंने आगे कहा, चाहे पूर्वोत्तर की दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान हो, दशकों से अटकी-लटकी विकास की तमाम बड़ी परियोजनाओं को पूरा करना हो. ऐसे कितने ही काम हैं जो देश ने बीते सालों में किए हैं, सबके प्रयास से किए गए हैं. पीएम मोदी ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा, अभी सबसे बड़ा उदाहरण हमारे सामने कोरोना का भी है. भारत 110 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा पार कर चुका है.

‘सदन में आचार-व्यवहार सही हो, ये सबकी जिम्मेदारी’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समय अपनी सफलताओं को आगे बढ़ाने का है और साथ ही नए विजन के साथ नए नियम और नीतियां भी बनानी हैं. हमारे सदन की परंपराएं और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हों. हमारी नीतियां, कानून भारतीयता के भाव को, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को मजबूत करने वाले हों.

सबसे महत्वपूर्ण, सदन में हमारा खुद का भी आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के हिसाब से हो. पीएम मोदी ने कहा कि ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है. भारत विविधताओं से भरा है. एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है.पीएम ने कहा कि हम विधानसभा सदनों में साल में तीन चार दिन ऐसे रखे जा सकते हैं जिनमें समाज के लिए कुछ विशेष कर रहे जनप्रतिनिधि अपने अनुभव बताएं. सदन में सार्थक चर्चा और परिचर्चा बहुत जरूरी है.

युवा, महिला जनप्रतिनिधियों को सदन में ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका मिलना चाहिए. पीएम मोदी ने वन नेशन, वन लेजिस्लेशन का मंत्र भी दिया. उन्होंने कहा कि एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म/पोर्टल बनाया जाए जिसमें केवल संसदीय व्यवस्था की जानकारी मिल सके. सभी राज्य डिजिटल तकनीक पर काम करें. बता दें एआईपीओसी का शताब्‍दी वर्ष मनाने के लिए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के 82वें संस्‍करण का आयोजन 17-18 नवम्‍बर, 2021 को शिमला में किया जा रहा है. प्रथम सम्‍मेलन का आयोजन भी शिमला में 1921 में किया गया था.  इस सम्मेलन का समापन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर करेंगे.

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