सिडनी डायलॉग में बोले पीएम मोदी- चुनौती को अवसर में बदलने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सिडनी डायलॉग (Sydney Dialogue) में मुख्य भाषण देते हुए गुरुवार को कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है और ये संप्रभुता, शासन, नैतिकता, कानून, अधिकार और सुरक्षा पर नए सवाल उठा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि खुलापन लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन खुलेपन का दुरुपयोग करने वाले कुछ निहित स्वार्थों के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है. साथ ही हमें कुछ निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग करने से रोकने का काम करना चाहिए.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, एक लोकतंत्र और डिजिटल नेता के रूप में, भारत हमारी साझा समृद्धि और सुरक्षा के लिए भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है. भारत की डिजिटल क्रांति (Digital Revolution) हमारे लोकतंत्र, हमारी जनसांख्यिकी और हमारी अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है. यह हमारे युवाओं के उद्यम और नवाचार द्वारा संचालित है. उन्होंने कहा कि हम अतीत की चुनौतियों को भविष्य में छलांग लगाने के अवसर में बदल रहे हैं. भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला इकोसिस्टम है. स्वास्थ्य से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हर चीज का समाधान प्रदान करने के लिए हर कुछ हफ्तों में नए यूनिकॉर्न आ रहे हैं.

दुनिया के सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना का ढांचा बना रहा भारत

ऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान (Australian Strategic Policy Institute) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देश में हो रहे पांच महत्वपूर्ण बदलावों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने भारत के टेक्नोलॉजी विकास और क्रांति पर बात की थी. इन बदलावों में 5G और 6G जैसी दूरसंचार टेक्नोलॉजी में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने में भारत का निवेश शामिल है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में 1.3 अरब से अधिक भारतीयों की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान भी जारी की गई है.

भारत की आईटी प्रतिभा ने वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद की

भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हर कुछ हफ्तों में नए यूनिकॉर्न सामने आ रहे हैं, जो स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हर चीज का समाधान प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, भारत की आईटी प्रतिभा ने वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद की. इसने Y2K समस्या से निपटने में मदद की. इसने हमारे दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी और सेवाओं के विकास में योगदान दिया है. पीएम मोदी के संबोधन से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने लोगों को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच गहरी दोस्ती है.

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