पीएम मोदी ने की भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत, कही ये बातें

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अंतरिक्ष संघ (Indian Space Association) की शुरुआत की. इस मौके पर अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ संवाद के दौरान पीएम मोदी ने कहा, जब हम स्पेस रिफॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 पिलर्स पर आधारित है. पहला, प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आजादी मिले. दूसरा, सरकार की संबल के रूप में भूमिका हो. तीसरा, भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करना और चौथा, स्पेस सेक्टर को सामान्य लोगों की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना है.

पीएम मोदी ने कहा, आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, उतनी पहले कभी नहीं रही. स्पेस सेक्टर और स्पेस टेक को लेकर आज भारत में जो बड़े सुधार हो रहे हैं, वो इसी की एक कड़ी है. मैं इंडियन स्पेस एसोसिएशन – इस्पा के गठन के लिए आप सभी को एक बार फिर बधाई देता हूं.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय स्पेस सेक्टर, 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम है. हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, सामान्य मानवी के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुविधा! हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, इंटरप्रिन्योर के लिए शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक बेहतर स्पीड है.

आत्मनिर्भर भारत पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है बल्कि एक सुविचारित, सुनियोजित, एकीकृत आर्थिक रणनीति भी है. एक ऐसी रणनीति जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के स्किल की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग पावर हाउस बनाए. एक ऐसी रणनीति जो भारत के टेक्नोलॉजीकल एक्सपर्टीज को आधार बनाकर, भारत को इनोवेशंस का ग्लोबल सेंटर बनाए. एक ऐसी रणनीति, जो वैश्विक विकास में बड़ी भूमिका निभाए, भारत के ह्यूमन रिसोर्स और टैलेंट की प्रतिष्ठा, विश्व स्तर पर बढ़ाए.’

एयर इंडिया से जुड़े फैसले से दिखती है सरकार की गंभीरता

उन्होंने कहा, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) को लेकर सरकार एक स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रही है और जहां सरकार की आवश्यकता नहीं है, ऐसे ज्यादातर सेक्टर्स को प्राइवेट एंटरप्राइजेज के लिए खोल रही है. अभी एयर इंडिया से जुड़ा जो फैसला लिया गया है वो सरकार की प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने देखा है कि 20वीं सदी में स्पेस और स्पेस पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया. अब 21वीं सदी में स्पेस, दुनिया को जोड़ने में, एक करने में अहम भूमिका निभाए, ये भारत को सुनिश्चित करना होगा.’

जय प्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को दी श्रद्धांजलि

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने जय प्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को भी याद किया. उन्होंने कहा, ‘आज देश के दो महान सपूतों, भारत रत्न जय प्रकाश नारायण जी और भारत रत्न नानाजी देशमुख की जन्म जयंती भी है. आजादी के बाद के भारत को दिशा देने में इन दोनों महान व्यक्तित्वों की बहुत बड़ी भूमिका रही है. सबको साथ लेकर, सबके प्रयास से, राष्ट्र में कैसे बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, इनका जीवन दर्शन हमें आज भी इसकी प्रेरणा देता है. मैं जय प्रकाश नारायण जी और नानाजी देशमुख जी को नमन करता हूं, अपनी श्रद्धांजलि देता हूं.’

क्या है इंडियन स्पेस एसोसिएशन?

आईएसपीए अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों का प्रमुख उद्योग संघ है, जो भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की सामूहिक आवाज बनने की आकांक्षा रखता है. आईएसपीए संबंधि‍त नीतियों की हिमायत करेगा और इसके साथ ही सरकार एवं उसकी एजेंसियों सहित भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ अपना जुड़ाव सुनिश्चित करेगा. प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए आईएसपीए भारत को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से उन्नत और अंतरिक्ष क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनाने में मदद करेगा.

आईएसपीए का प्रतिनिधित्व अंतरिक्ष और उपग्रह प्रौद्योगिकियों में उन्नत क्षमताएं रखने वाली प्रमुख देशी कंपनियों के साथ-साथ वैश्विक कंपनियां भी करती हैं. आईएसपीए के संस्थापक सदस्यों में लार्सन एंड टुब्रो, नेल्को (टाटा ग्रुप), वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमायइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज और अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं. इसके अन्य प्रमुख सदस्यों में गोदरेज, ह्यूजेस इंडिया, अजि‍स्ता-बीएसटी एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बीईएल, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स, मैक्सार इंडिया शामिल हैं.

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