‘सिडनी संवाद’ में मुख्य संबोधन देंगे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी गुरुवार को भारतीय समय के अनुसार सुबह लगभग 9 बजे ‘सिडनी संवाद’ में मुख्य भाषण देंगे. प्रधानमंत्री भारत में ‘प्रौद्योगिकी विकास और क्रांति’ थीम पर अपने विचार व्‍यक्‍त करेंगे. उनके संबोधन से पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री आरंभिक भाषण देंगे. सिडनी संवाद 17 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है. यह ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की एक पहल है.

‘सिडनी संवाद’ दरअसल राजनेताओं, उद्योग हस्तियों और सरकारी प्रमुखों को व्‍यापक चर्चाएं करने, नए विचार सृजित करने और उभरती एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न अवसरों एवं चुनौतियों की सामान्य समझ विकसित करने की दिशा में काम करने के लिए एक मंच पर लाएगा. सिडनी संवाद में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी मुख्य भाषण देंगे.

आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन से मुलाकात की थी और हिंद-प्रशांत सहित द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की थी. मोदी और मॉरिसन के बीच यह बैठक दोनों नेताओं के फोन पर बातचीत करने के एक सप्ताह बाद हुई थी. दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिसन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया था

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया था, ‘अच्छे दोस्त एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ बात करना हमेशा अद्भुत रहता है. हमने वाणिज्य, व्यापार, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया.’ मॉरिसन ने बैठक के बाद ट्वीट किया था, ‘अपने अच्छे दोस्त और ऑस्ट्रेलिया के एक महान मित्र, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिकी यात्रा के दौरान मिलकर बहुत अच्छा लगा. पहली व्यक्तिगत क्वाड बैठक से पहले दोनों देशों के बीच साझेदारी को और गहरा करने के लिए व्यापक और सार्थक चर्चा हुई.’

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बैठक का विवरण देते हुए पत्रकारों से कहा था, ‘उन्होंने पिछले शिखर सम्मेलन के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की, जो जून 2020 में ऑनलाइन हुआ था. उन्होंने दोनों पक्षों के पारस्परिक हित के लिए अपनी घनिष्ठ साझेदारी और सहयोग जारी रखने का संकल्प भी लिया.’ प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिसन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया था.

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