प्रयागराज: OPD में घुसकर डॉक्टर को मारी थी गोली, 70 लाख में हुआ था सौदा, 4 साल बाद खुलासा

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने जनवरी 2017 में प्रयागराज स्थित एक हॉस्पिटल मालिक की हत्या का पर्दाफाश कर दिया है. जीवन ज्योति हास्पिटल के मालिक डॉ. अश्वनी कुमार बंसल की हत्या का सौदा जेल के अंदर 70 लाख रुपये में हुआ था. डॉ. एके बंसल की हत्या उनके अस्पताल के चैंबर में 12 जनवरी 2017 को कर दी गयी थी. सुपारी के लाखों रुपयों के लेन-देन पर हुए झगड़े में शूटरों ने एक शूटर को ही मार डाला था. गिरफ्तार शूटर पर 50 हजार का इनाम भी था. सोमवार को यह तमाम जानकारी यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने दी.

एसटीएफ प्रमुख के मुताबिक, डॉ. एके बंसल हत्याकांड में सोमवार को लखनऊ कमिश्नरेट के पास से गिरफ्तार शार्प शूटर का नाम शोएब पुत्र मुकीम उर्फ मुस्तकीम, निवासी आजाद नगर, थाना कोतवाली जिला प्रतापगढ़ है. शोएब को गिरफ्तार करने के लिए कई महीने से पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह (एसटीएफ), इंस्पेक्टर हेमन्त भूषण सिंह की टीम लगी हुई थी. पूछताछ के दौरान शोएब ने कबूला कि, उसने 12 जनवरी 2017 को शाम करीब 7 बजे प्रयागराज स्थित जीवन ज्योति अस्पताल के मालिक डॉ. अश्वनी कुमार बंसल को उनके हॉस्पिटल चैंबर में गोलियों से भून डाला था. डॉक्टर बंसल की मौके पर ही मौत हो गयी थी. उस वारदात को अंजाम देने के लिए शोएब के साथ शार्प शूटर यासिर और मकसूद भी गया था. मकसूद अस्पताल के बाहर मोटर साइकिल लिए खड़ा रहा. जबकि शोएब और यासिर ने चैंबर में घुसकर डॉ. बंसल को गोलियों से भून डाला.

यूपी एसटीएफ प्रमुख के मुताबिक, डॉ. बंसल ने बेटे के एडमिशन के लिए आलोक सिन्हा नाम के एक आदमी को 55 लाख रुपये दिये थे. आलोक सिन्हा ने एडमीशन तो कराया नहीं. ऊपर से 55 लाख रुपये भी डकार गया. डॉ. बंसल ने आलोक सिन्हा के खिलाफ मुकदमा लिखवा दिया. इससे आलोक सिन्हा डॉ. बंसल से रंजिश मानने लगा था. पुलिस ने आलोक सिन्हा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. जब आलोक सिन्हा गिरफ्तार होकर प्रयागराज की नैनी जेल में पहुंचा. तो वहां पहले से बंद दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा से आलोक सिन्हा की दोस्ती हो गयी. आलोक सिन्हा ने कहा कि वो 70 लाख रुपये उन लोगों को देगा अगर वे, डॉ. अश्वनी कुमार बंसल का कत्ल करवा दें.
एसटीएफ के मुताबिक, 70 लाख में से 15 लाख रुपये आलोक सिन्हा ने जेल में साथ ही बंद बदमाशों को पहले ही मुहैया करवा दिया.

बाकी के 55 लाख रुपये डॉ. बंसल का कत्ल होने के बाद दिये जाने की बात तय हुई थी. जेल में कैद दिलीप मिश्रा और अशरफ उर्फ अख्तर ने बाहर (जेल से बाहर मौजूद) मौजूद अबरार मुल्ला के जरिये डॉ. बंसल को कत्ल करने का ठेका मकसूद उर्फ जैद, यासिर और शोएब को दे दिया. अबरार मुल्ला ने शोएब और उसके साथी शार्प शूटरों को 5 लाख रुपये एडवांस दे दिये. साथ ही डॉक्टर के कत्ल में इस्तेमाल के लिए एक मोटर साइकिल और दो पिस्टल भी उपलब्ध करायी. जेल से डॉक्टर के कत्ल के लिए मिली एडवांस मनी 15 लाख में से बाकी 10 लाख रुपये खुद अबरार मुल्ला ने अपने पास रख लिये. 12 जनवरी 2017 को शाम के वक्त डॉक्टर बंसल का कत्ल करने के बाद पैसों के लेनदेन में मकसूद और यासिर में झगड़ा हो गया. लिहाजा अबरार मुल्ला के कहने पर मकसूद और शोएब ने मिलकर एक दिन (डॉ. बंसल के कत्ल के करीब डेढ़ महीने बाद ही) यासिर की हत्या कर दी.

यासिर की हत्या में शोएब का कहीं नाम नहीं आया. हां मकसूद को पुलिस ने यासिर के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. हालांकि उस घटना के कुछ दिन बाद शोएब (डॉ बंसल के मुख्य हत्यारे जिसे अब एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है) को हत्या के प्रयास के आरोप में पीपरपुर थाना (जिला अमेठी) पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. तब भी यह बात नहीं खुल पायी कि, शोएब डॉक्टर बंसल और यासिर का किलर है. अब एसटीएफ द्वारा गिरफ्तारी के बाद की गयी पूछताछ में शोएब ने कबूला है कि, थाना पीपरपुर पुलिस द्वारा जेल भेजने के बाद जैसे ही वो जेल से बाहर निकला, उसे लगने लगा था कि कहीं पुलिस, डॉ. बंसल और यासिर हत्याकांड में भी उसे गिरफ्तार न कर ले. लिहाजा वो छिपने के लिए मुंबई भाग गया. मुंबई भागते समय वो यासिर और डॉ. बंसल हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार और मोटर साइकिल अबरार मुल्ला के हवाले करता गया.

ताकि अबरार मुल्ला उस पर कोई और आरोप न मढ़ दे. शोएब ने एसटीएफ को बताया है कि, जब वो मुंबई भागा उससे पहले ही उसकी और यासिर की वीडियो और फोटो सीसीटीवी फुटेज में आ चुकी थीं. मगर तब भी वो प्रयागराज पुलिस के हाथ नहीं आया. यूपी एसटीएफ प्रभारी के मुताबिक, शोएब ने कबूला है कि, सन् 2015 में चुनमुन पाण्डेय की बस रुकवा कर की गयी हत्या में भी वो शामिल था. सन् 2015 में ही शोएब और उसके साथियों ने चिलबिला रेलवे क्रॉसिंग के पास गलत पहचान के चलते हरि प्रताप सिंह की जगह डॉ. प्रभात की गोली मार कर हत्या कर डाली थी. उसके बाद जनवरी 2017 में जीवन ज्योति हॉस्पिटल के संचालक मालिक डॉ. एके बंसल को गोलियों से सरेशाम भून डाला. डॉ. बंसल की हत्या के डेढ़ महीने बाद ही गैंग मेंबर यासिर को गोली मारकर कत्ल कर दिया. सन् 2018 में प्रतापगढ़ जिले में हुए एक हत्या के प्रयास में शोएब के सिर पर 50 हजार का इनाम भी पता चला है.

यूपी एसटीएफ के महानिरीक्षक अमिताभ यश के मुताबिक, “शोएब की निशानदेही पर पुलिस ने जंगलों में एक ऐसा पेड़ भी तलाशा है जिसके ऊपर गोलियों से 1090 लिखा गया है. इसके बारे में भाड़े के शार्प शूटर किलर शोएब ने बताया है कि, किसी भी इंसान को शिकार करने से पहले वे निशानेबाजी की प्रैक्टिस जरुर करते थे. निशानेबाजी की प्रैक्टिस के दौरान ही उन्होंने जंगल में पेड़ पर गोलियों से 1090 तक लिख डाला था. साथ ही वे निशानेबाजी पक्की करने के लिए जंगल में बेकसूर जंगली जानवरों के बदन में भी गोलियां झोंकते रहते थे. इस सनकी शौक के चक्कर में शोएब और उसके साथी शार्प शूटरों ने कई निरीह जानवरों को भी मार डाला है.” पता चला है कि, यह गैंग प्रतापगढ़, प्रयागराज, अमेठी इलाके में रंगदारी वसूली के लिए “फ्रैक्चर गैंग” के नाम से कुख्यात था. गिरफ्तार शार्प शूटर शोएब के ऊपर अब तक हत्या के कुल चार, हत्या की कोशिश का एक मामला खुला है. हत्या के मामलों में से सन् 2015 में 2 व सन् 2017 में कत्ल के दो मामले दर्ज पाये गये हैं.

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