पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंगलवार को बड़ा एलान किया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा है कि अब हर बुधवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह में उपमुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था।
वहीं सूत्रों के अनुसार अब कैबिनेट विस्तार के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी दिल्ली रवाना हो गए हैं। कयास ये लगाए जा रहे हैं कि चन्नी की कैबिनेट में कई नए चेहरे शामिल होंगे। पंजाब प्रभारी हरीश रावत दिल्ली लौट गए हैं। पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू भी दिल्ली गए हैं।
सीएम घटा चुके हैं अपना सुरक्षा बेड़ा
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का मानना है कि जितनी सुरक्षा व्यवस्था से उनका व अन्य नेताओं का काम चल सकता है, उतना ही सुरक्षा बेड़ा उनके पास रखा जाए। यह खुलासा सोमवार को उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें बिना वजह का सुरक्षा लाव-लश्कर लेकर नहीं चलना है। जितनी सुरक्षा से काम चल सकता है, उतने सुरक्षाकर्मी ही तैनात किए जाएंगे। रंधावा ने यह भी खुलासा किया कि मुख्यमंत्री ने सभी नेताओं और राज्य में अन्य लोगों को प्रदान की गई सुरक्षा की समीक्षा करने को भी कह दिया है। पंजाब भवन में प्रेसवार्ता के बाद सचिवालय में मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक बैठक के लिए पहुंचे सुखजिंदर रंधावा ने बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के नेतृत्व में पंजाब सरकार वीआईपी कल्चर को भी पूरी तरह खत्म करेगी।
सरकारी कर्मचारियों की नौ बजे दफ्तर में हाजिरी जरूरी
पंजाब की नई सरकार ने अपने कामकाज में तेजी लाने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह 9 बजे दफ्तरों में अपनी हाजिरी दर्ज कराने का आदेश जारी किया है और यह साफ कर दिया है कि विभागों में किसी भी समय जांच हो सकती है।
कार्मिक विभाग की ओर से राज्य से कभी विभाग प्रमुखों, डिवीजन कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसडीएम को जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य के सभी अधिकारी व कर्मचारी सुबह नौ बजे अपने दफ्तरों में हाजिरी लगाएं और शाम को दफ्तर के समय तक हाजिर रहें। इसके साथ ही सभी प्रबंध सचिवों और विभाग प्रमुखों को भी निर्देश दिया गया है कि सप्ताह में कम से कम दो बार अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों की हाजिरी की औचक जांच करें। साथ ही, अपने अधीन संस्थानों में जारी कामकाज व रिकॉर्ड का भी निरीक्षण करें।