पंजाब: राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ अदालत ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

लुधियाना। पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम मजीठिया की ओर से दायर मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के खिलाफ अदालत ने गिरफ्तारी वांरट जारी किया है। राज्यसभा सदस्‍य के बार-बार अदालत में पेश नहीं होने का कड़ा नोटिस लेते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है।

मजीठिया की ओर से गवाह पूर्व अकाली मंत्री महेशिंदर सिंह ग्रेवाल जिरह के लिए अदालत में मौजूद थे। उनके अलावा एक समाचार पत्र का अधिकारी भी उपस्थित था। उसे संजय सिंह के वकील ने बतौर गवाह समाचार पत्र के साथ बुलाया था। अदालत में मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

बावजूद इसके, गवाह से जिरह के लिए न तो आरोपित अदालत में आया और न ही उसका वकील उपस्थित हुआ। एक वकील ने आरोपित की ओर से इस दलील के साथ छूट का आवेदन दिया कि वह पार्टी की बैठकों में व्यस्त हैं। इसलिए, आज के लिए उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए। दूसरी ओर, मजीठिया के वकील डीएस सोबती ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि वह अदालत की कार्यवाही को बहुत हल्के में ले रहे हैं और जानबूझकर हाजिरी माफी के आवेदन बार-बार दाखिल करके केस को लटका रहे हें।

इसके बाद, अदालत ने शाम 4 बजे हाजिरी माफी की अर्जी को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि मामले में लगभग 71 बार सुनवाई में आरोपित केवल 4-5 बार अदालत की कार्यवाही में शामिल हुआ।

मजीठिया ने संजय सिंह पर लगाए थे ये आरोप

संजय सिंह को इस मामले में फरवरी, 2016 में तलब किया गया था। मजीठिया ने अपनी आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपित ने झूठा और मानहानि वाला बयान दिया था कि राज्य में ड्रग रैकेट में उसका हाथ है। उनके खिलाफ 9 सितंबर, 2015 को मोगा में एक रैली में ऐसा बयान दिया गया था। वह यहीं नहीं रुके बल्कि शिकायतकर्ता को बदनाम करने के लिए एक भ्रामक अभियान चलाया। उन्हें अनावश्यक रूप से ड्रग रैकेटरों के साथ शामिल होने के लिए चित्रित किया गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि संजय सिंह ने बिना किसी आधार या सामग्री के उनके खिलाफ निंदनीय, अपमानजनक बयान दिया था। उनका उद्देश्य उन्हें आम जनता की नजरों में बदनाम करने का था।

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