राहुल ने देश में लोकतंत्र पर उठाए सवाल, भाजपा के किया जोरदार पलटवार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दो विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की स्थिति की आलोचना किए जाने के संदर्भ में कहा कि देशको इन संस्थाओं से मुहर की जरूरत नहीं है, लेकिन यहां हालात इनकी कल्पना से कहीं ज्यादा खराब हैं। इशारों-इशारों में राहुल ने PM मोदी की तुलना सद्दाम हुसैन और गद्दाफी से कर दी और भारत को इराक और लीबिया तक बता दिया। राहुल के इस बयान के बाद से सत्ता पक्ष की ओर से उन पर पलटवार किया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी की बातों पर टिप्पणी करना बेकार है क्योंकि वे विचार से नहीं करते। पता नहीं वे किस ग्रह पर रहते हैं। देश के लोकतंत्र की तुलना गद्दाफी और सद्दाम हुसैन से करना जनता का अपमान है। गद्दाफी और सद्दाम जैसा इस देश में 1975 से 77 केवल 2 ही साल हुआ।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक जावड़ेकर ने कहा कि पिछले 6 सालों में भारत सरकार के प्रयास से दिल्ली और बाकी जगहों पर प्रदूषण कम हुआ है। लोग नजदीक के काम साइकिल या इलेक्ट्रिक वाहन से करें। राहुल के बयान पर कि खुद बीजेपी के नेता संसद में उनसे कहते हैं कि उनको किसी भी मुद्दे पर खुलकर बोलने की आजादी नहीं है पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मुझे लगता है राहुल गांधी को भी पार्टी इजाजत नहीं दे रही। वे कुछ भी बोलते रहते हैं। उनकी बात पर जवाब देना बंद कर देना चाहिए। 

आपको बता दें कि राहुल ने अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ ऑनलाइन बातचीत में यह दावा भी किया कि अगर कोई फेसबुक और व्हाट्सऐप को नियंत्रित कर सकता है तो फिर लोकतंत्र नष्ट हो सकता है। उनसे अमेरिकी संस्था फ्रीडम हॉउस और स्वीडन की संस्था वी डेम इंस्टिट्यूट की भारत के संदर्भ में की गई हालिया टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने कहा कि ये विदेशी समूह हैं और भारत को इन समूहों की मुहर की जरूरत नहीं है, लेकिन यहां हालात इनकी कल्पना से कहीं ज्यादा खराब हैं। राहुल गांधी ने यह भीकहा कि वह पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पर जोर देते हैं और उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि कांग्रेस में चुनाव नहीं होना चाहिए। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here