एडवोकेट योगेंद्र सिंह तंवर जो की राजस्थान से बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार चुन्नीलाल गरासिया के इलेक्शन एजेंट भी हैं। उन्होंने सोनिया गांधी के राज्यसभा नामांकन फार्म पर आपत्ति दर्ज करते हुए एक आपत्ति विधानसभा में प्रस्तुत की। इस आपत्ति में योगेंद्र सिंह के द्वारा सोनिया गांधी की इटली में जो प्रॉपर्टियों का हवाला दिया गया है, उसके विषय में संपूर्ण जानकारी की मांग की गई है।
योगेंद्र सिंह ने खास बातचीत करते हुए यह बताया कि संविधान में यह प्रावधान है कि जब कोई भी एफिडेविट प्रस्तुत करता है तो उसको अपनी संपूर्ण संपदा की जानकारी जैसे कि वह संपदा कहां-कहां है, उसकी कीमत क्या है और वह कितनी है। यह सब देना अनिवार्य है, परंतु सोनिया गांधी के द्वारा जो फॉर्म राज्यसभा नामांकन के लिए भर गया, उसमें प्रस्तुत एफिडेविट में सिर्फ इटली में प्रॉपर्टी होने की बात कही गई है। जो कि संविधान के अनुसार उचित नहीं है।
इस आपत्ति के दर्ज होने के बाद सोनिया गांधी से जब जवाब मांगा गया तो उन्होंने जवाब में इटली में दो-तीन शहरों में प्रॉपर्टी होने की बात कही, जिसको लेकर भी विपक्ष के वकील अभी संतुष्ट नहीं हैं। विपक्ष के वकील का कहना है कि सोनिया गांधी के द्वारा संपूर्ण जानकारी अभी भी नहीं दी गई है। परंतु इस आपत्ति को विधानसभा में खारिज कर दिया गया और सोनिया गांधी के फॉर्म को स्वीकार कर लिया गया है।
एडवोकेट योगेंद्र सिंह तंवर का यह कहना है कि अब पूरी भारतीय जनता पार्टी की एडवोकेट लीगल टीम बैठकर इस विषय पर चर्चा करेगी कि आगामी समय में किस रणनीति के तहत क्या सोनिया गांधी के नामांकन के खिलाफ कोर्ट में जाना है या नहीं। अगर टीम यह फैसला करती है कि सोनिया गांधी नामांकन के खिलाफ कोर्ट में जाना है तो आगामी समय में कोर्ट में सोनिया गांधी के राज्यसभा नामांकन को चुनौती दी जा सकती है।