राजनाथ ने रूस के रक्षा मंत्री के समक्ष उठाया चीन का मसला

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Russian Defence Minister Sergey Shoigu) के साथ बैठक में चीनी अतिक्रमण का मुद्दा उठाया है. राजनाथ सिंह ने अपने बयान में जिस तरह से चीनी अतिक्रमण का मुद्दा रुस के विदेश और रक्षा मंत्रियों के सामने उठाया है, वो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसल, साल 2020 में चीन के दुस्साहस के बाद भारत और उसके उत्तरी पड़ोसी के रिश्तों की तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है. यह कहना गलत नहीं होगा कि दोनों देशों के बीच शक और अदावत की खाई बढ़ती जा रही है.

भारत-रूस बातचीत में उठा तालिबान मसला, शाम को मोदी-पुतिन वार्ता

भारत और रूस के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को यहां अपनी बैठकों के दौरान तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान की स्थिति सहित प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्रमश: अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव और जनरल सर्गेई शोइगु से मुलाकात की. लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, जयशंकर ने कहा, ‘भारत-रूस साझेदारी अद्वितीय है. हम बहुत जागरूक हैं कि तेजी से भू-राजनीतिक परिवर्तन की दुनिया में, यह वास्तव में उल्लेखनीय रूप से स्थिर और मजबूत रही है.’

बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में, उन्होंने कहा, ‘मैं इस अवसर को रेखांकित करना चाहता हूं कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों और हमारे सहयोग की स्थिति से बहुत संतुष्ट हैं.’ जयशंकर ने यह भी कहा कि वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक अनूठी घटना है, यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन महान विश्वास और विश्वास का रिश्ता साझा करते हैं.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक शिखर सम्मेलन हो रहा है. हम शिखर सम्मेलन से कुछ महत्वपूर्ण परिणामों की उम्मीद कर रहे हैं.’ राजनाथ सिंह और जनरल शोइगु के बीच बैठक के दौरान उन्होंने रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए. राजनाथ ने कहा, ‘रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी.’

उन्होंने यह भी कहा कि आज की उभरती भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक बार फिर दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के महत्वपूर्ण महत्व की पुष्टि करेगा. ‘भारत और रूस के संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि और आपसी समझ और विश्वास में समान रुचि के आधार पर समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं.’ विदेश मंत्रालय के मुताबिक मोदी और पुतिन शिखर वार्ता की शुरुआत शाम 5.30 बजे करेंगे.

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