लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की कार से किसानों की मौत को भाकियू नेता राकेश टिकैत ने जानबूझकर टक्कर मारकर हत्या करना बताया। उन्होंने कहा कि गाड़ी से कुचल कर हथियार का काम किया गया है।
मंत्री-नेताओं के साथ गाड़ियों में गुंडे घूमते हैं। राकेश टिकैत ने प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कर आरोपियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करने की मांग की। किसानों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। कहा कि सड़क दुर्घटना में धाराएं हल्की होती हैं, इसलिए किसानों को कार से रोंद दिया गया। किसानों की मौत को संगठन कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने किसानों से कपड़े लेकर घटनास्थल पर पहुंचने की अपील की है।
किसानों ने काले झंडे लेकर शुरू कर दिया था धरना
रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के गांव बनवीर में कई योजनाओं के शिलान्यास का कार्यक्रम तय था। इसमें सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। बताया जा रहा है जहां केशव मौर्य का हेलीकॉप्टर उतरना था, वहां किसानों ने काले झंडे लेकर धरना शुरू कर दिया था। जिसे लेकर कई भाजपा के कार्यकर्ता भी पहुंच गए और हंगामा शुरू हो गया।
केंद्रीय मंत्री के बेटे की कार ने किसानों को रौंदा
इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे की कार ने किसानों को रौंद दिया। घटना में चार किसानों की मौत हो गई थी, जबकि भीड़ ने ड्राइवर को पीट-पीटकर मार डाला था। घटना की जानकारी मिलते ही किसान नेता राकेश टिकैत लखीमपुर के लिए रवाना हो गए। करीब 7:15 बजे राकेश टिकैत जोया टोल प्लाजा पर पहुंचे। यहां धरने पर बैठे किसानों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
‘सड़क दुर्घटना में हल्की धाराएं लगती हैं, इसलिए किसानों को रौंदा गया’
इस दौरान राकेश टिकैत ने अमर उजाला से बातचीत के दौरान कहा कि आरोपियों ने किसानों को कार से कुचलकर हथियार का काम किया है। सड़क दुर्घटना में हल्की धाराएं लगती हैं, इसलिए किसानों को जानबूझकर कार से रौंदा गया। उन्होंने कहा कि मंत्री-नेताओं की गाड़ी में गुंडे घूमते हैं। इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी में लंबा आंदोलन चलने की बात कही
किसानों को जान पूछ कर रौंदा गया है, इसलिए आरोपियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की जाए। करीब पांच मिनट टोल प्लाजा पर रुके राकेश टिकैत ने किसानों से लखीमपुर खीरी में लंबा आंदोलन चलने की बात कही। कहा कि जिस किसान को लखीमपुर खीरी आना है, वह कपड़े लेकर पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसानों के शव मौके पर रखे हुए हैं। वहां पहुंचकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।