राम रहीम फिर सलाखों के पीछे, चार गाड़ियों के काफिले में छोड़ने पहुंची हनीप्रीत

सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम 40 दिन की पैरोल काटकर शुक्रवार शाम पांच बजकर 3 मिनट पर हरियाणा के रोहतक में सुनारिया जेल पहुंचा। खुद उनकी शिष्या हनीप्रीत व शिष्य प्रीतम सिंह उसको जेल के गेट तक छोड़कर आए। राम रहीम को गेट पर जांच पड़ताल के बाद उसकी स्पेशल बैरक में ले जाया गया। पांच मिनट बाद हनीप्रीत, प्रीतम सिंह, हर्ष अरोड़ा व छत्रपाल अरोड़ा रवाना हो गए।

सीबीआई कोर्ट द्वारा साल 2017 में साध्वी यौन शोषण केस में 20 साल की सजा होने के बाद से राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। 15 अक्तूबर को प्रदेश सरकार से राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिली थी। तभी से वह यूपी के बागपत स्थित आश्रम में पैरोल अवधि पूरी कर रहा था।

शुक्रवार को अवधि खत्म होने के कारण सुबह डीएसपी मुख्यालय डॉक्टर रवींद्र के नेतृत्व में पुलिस की टीम बागपत आश्रम पहुंची और राम रहीम को कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल लाया गया। शाम को पांच बजकर 3 मिनट पर चार गाड़ियों को काफिला सुनारिया जेल के गेट पर पहुंचा।

सबसे आगे जहां पुलिस की पायलेट गाड़ी चल रही थी, जबकि उसके पीछे राम रहीम की गाड़ी थी। ड्राइवर के अलावा अगली सीट पर राम रहीम बैठा था, जबकि पिछली सीट पर हनीप्रीत व प्रीतम सिंह बैठे थे। जबकि एक गाड़ी में डेरा प्रबंधक कमेटी के सदस्य हर्ष अरोड़ा व छत्रपाल अरोड़ा बैठे थे।

वहीं, चौथी गाड़ी में डीएसपी डॉक्टर रवींद्र कुमार व उनकी टीम बैठी थी। जैसे ही गाड़ी जेल के गेट के बाहर रुकी, तुरंत राम रहीम गाड़ी से नीचे उतरा। नियमों के तहत उसकी तलाशी ली गई। इसके बाद जेल के अंदर बैरक में ले जाया गया। जेल में राम रहीम को सब्जी उगाने का काम दिया हुआ है। इससे पहले एएससपी कृष्ण कुमार लोहचब जेल परिसर पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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