रामचरित मानस महाकाव्य, धार्मिक ग्रंथ नहीं: स्वामी प्रसाद मौर्य

सम्राट अशोक की जयंती पर रविवार को गौरीगंज के गढ़ामाफी में शामिल होने आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने बौद्ध धर्म का बखान करते हुए एक बार फिर कहा कि राम चरित मानस एक महाकाव्य है, धार्मिक ग्रंथ नहीं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा पूरे देश में हिंदू मुस्लिम का नारा देकर देश को बांटने की नींव डाल रही है। भाजपा नेता पहले से समाज को बांटने के लिए कमर कसकर काम कर रहे हैं। भाजपा द्वारा चैत्र नवरात्र में हर जगह राम चरित मानस कराने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले दलित ही राम चरित मानस का पाठ कराते थे। जब उन्हें नीच और अधम कहा जाने लगा तो उन लोगों ने किनारा कर लिया। अब सरकार मजबूरी में राम चरित मानस का पाठ करा रही है। कहा कि जब धर्म की आड़ में नीच और अधम कहा जाएगा तो क्या करेंगे। राम चरित मानस सिर्फ एक महाकाव्य है कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है। कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही आदेश जारी कर चुकी है।

उन्होंने भगवान बुद्ध की बात करते हुए कि आज दुनिया में भारत की पहचान भगवान बुद्ध के विचारों से जानी जाती है। केंद्र की मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा देश बेचने पर उतारू है। उसने बंदरगाह, रेलवे स्टेशन, कई ट्रेनों और एलआईसी को भी बेंच दिया। इन्हीं संस्थानों में नौजवानों को नौकरी मिलनी थी। इसका मतलब साफ है कि नौजवानों के साथ खिलावाड़ किया जा रहा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य सीएम पर भी हमलावर हो गए। कहा कि योगी बाबा दादा के पुश्तैनी कमान पर भी बुलडोजर चलवा रहे हैं। बाबाजी आप अमर होकर नहीं आए हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान मौर्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां एक होने की दिशा में काम कर रही हैं। अभी चुनाव कौन और कहां से लड़ेगा यह कहना जल्दबाजी होगा। इससे पहले आयोजकों ने स्वामी प्रसाद को माला पहनाकर स्वागत करते हुए भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट की। यहां से निकल वे सपा नेता महेंद्र यादव के घर गए। सपा जिलाध्यक्ष राम उचित यादव, अमेठी विधायक के प्रतिनिधि अरुण प्रजापति आदि मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here