भोपाल-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ने शनिवार को अपनी शुरुआती यात्रा के दौरान अधिकतम 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की। उम्मीद जताई गई थी कि इसकी अपेक्षित गति सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटे ही है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भोपाल और नई दिल्ली के बीच यात्रा के समय को एक घंटे कम करने वाली ट्रेन ने आगरा और मथुरा के राजा की मंडी के बीच 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को छुआ।
दरअसल, आगरा छावनी और निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी के एक छोटे से हिस्से को गति सीमा के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इससे पहले रेल मंत्रालय ने एक आदेश में कहा था कि रानी कमलापति-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन आगरा छावनी-तुगलकाबाद खंड पर अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्यप्रदेश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह ट्रेन मध्यप्रदेश की राजधानी को देश की राजधानी से जोड़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह ट्रेन प्रोफेशनल्स, व्यापारियों और युवाओं के लिए उपयोगी होगी।
टाइमिंग पर सवाल
- दिल्ली-भोपाल के बीच नियमित यात्रा करने वाले यात्रियों ने इस ट्रेन की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उनका तो यह भी कहना है कि इस ट्रेन के हाल भी शताब्दी जैसा हो जाएगा, जो आम दिनों में अक्सर खाली ही रहती है।
- दरअसल, देश की 11वीं और मध्यप्रदेश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन तीन अप्रैल से भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के बीच नियमित चलने लगेगी। इस रुट पर पहले ही कई ट्रेनें हैं। इस वजह से इसकी टाइमिंग सबसे अहम है।
- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सुबह पांच बजकर 40 मिनट पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और दोपहर 1:10 बजे हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। यानी जब आप दिल्ली पहुंचकर अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचेंगे तब तक दफ्तर बंद हो चुके होंगे या बंद होने वाले होंगे। इसी तरह यह ट्रेन रात को लौटेगी, तब भोपाल में कोई काम नहीं हो सकेगा। यानी पूरा दिन तो इस ट्रेन से मिलने से रहा।