अयोध्या. पांच सौ साल बाद इस बार रामलला परिसर में होली का उल्लास है। कोरोना के भय के बीच डरे-सहमे श्रद्धालु अपने आराध्य से होली खेलने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। रामलला परिसर के बाहर होलिका दहन का इंतजाम किया गया है। रविवार की रात होलिका दहन के बाद सोमवार की सुबह रामलला से भक्त अबीर-गुलाल और फूलों की होली खेलेंगे। फिर रामलला का श्रृंगार होगा। यहश्रृंगार पीले गुलाल से होगा। होली के शुभ मुर्हूत रामलला खादी के बने सफेद वस्त्र पहनेंगे। इसे फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने डिजायन किया है। हालांकि, इस बार जगन्नाथ धाम, पुरी और वृंदावन के बांके बिहारी की तरफ से भी रामलला के वस्त्र आए हैं लेकिन ऐसा पहली बार होगा कि पीतांबर छोड़कर रामलला धवल श्वेत वस्त्र ही धारण करेंगे।
…तो इसलिए धारण करेंगे धवल वस्त्र
मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के अनुसार होली सोमवार को है। इसलिए रामलला को सफेद वस्त्र पहनाएं जाएंगे। भगवान राम के अलावा उनके भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के साथ हनुमान जी भी खादी के नये वस्त्र पहनेंगे। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की ओर से रामलला को नीले रंग के वस्त्र और पीला गुलाल भेजा गया है। इसी तरह जगन्नाथ पुरी से भी रंग-गुलाल, वस्त्र और ध्वजा भेजी गयी है।
सभी को मिलेगा प्रसाद
भगवान से होली खेलेने वाले भक्तों को प्रसाद में शक्कर का बना रामदाना मिलेगा। लेकिन चरणामृत नहीं दिया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए चरणामृत और तुलसी दल पर रोक लगा दी गयी है। इसके अलावा सभी भक्तों को विशेष प्रसाद के रूप में जन्मभूमि की खोदाई में निकली मिट्टी भी दी जाएगी। यह पवित्र मिट्टी भक्तों की मांग पर अब तक करीब 6000 श्रद्धालुओं को उनके घरों तक भेजी जा चुकी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस मिट्टी को ‘राम जन्मभूमि रजकण’ नाम दिया है। इसे छोटे-छोटे डिब्बों में पैक किया गया है।
राम जन्मभूमि परिसर में होली के बाद खुदाई
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में होली के बाद खुदाई शुरू होगी। गर्भगृह के निकट चल रही विशेष धातुओं के बर्तन मिलने के बाद जिला प्रशासन ने खुदाई बंद करवा दी थी। अब जल्द ही यह शुरू होगी।