रांची: हाईकोर्ट का आदेश, परमजीत और गौतम के परिवारों को मिलेगा मुआवजा

झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को जमशेदपुर की जेल में वर्ष 2009 में हुए गैंगवार में मरने वाले दो अपराधियों परमजीत सिंह और गौतम सिंह के मामले की सुनवाई हुई। इसमें अदालत ने राज्य सरकार को दोनों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

  • अदालत ने कहा है कि राज्य सरकार एक ऐसी नियमावली बनाए, जिससे इस तरह की घटनाएं होने पर उनके आश्रितों को मुआवजा मिले, भले ही जेल में बंद होने वाले सजायाफ्ता हों या विचाराधीन कैदी। अदालत ने सरकार को आदेश दिया है कि नियमावली बनाकर 90 दिनों के अंदर कोर्ट में पेश करें।
  • जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में 20 मार्च 2009 को आपसी रंजिश और वर्चस्व में परमजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के प्रतिशोध में परमजीत के गुर्गो ने अखिलेश सिंह के गुर्गों पर हमला बोल दिया था। इसमें गौतम सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
  • परमजीत सिंह की हत्या मामले में बर्मामाइंस इस्ट प्लांट बस्ती निवासी हरपाल सिंह हीरे की शिकायत पर अखिलेश सिंह, मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह समेत अन्य के खिलाफ परसुडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हत्या के समय हरपाल सिंह हीरे जेल में बंद था। हत्याकांड में गवाही में हरपाल सिंह हीरे ने अदालत में अखिलेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया था।
  • दरअसल जमशेदपुर में परमजीत सिंह और अखिलेश सिंह गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से चल रही थी। परमजीत सिंह की हत्या के बाद यह टकराव बहुत हद तक खत्म हो गया। जिस समय यह हत्या हुई। उस समय अखिलेश सिंह फरार था। वर्ष 2011 में अखिलेश सिंह की दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ इस हत्याकांड के मामले में अलग से सुनवाई चली।
  • कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में अखिलेश को बारी कर दिया। वहीं भोला सिंह और मनोरंजन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई । इस मामले में मानसी देवी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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