मुजफ्फरनगर में छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने मंदिर के पुजारी को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-दो (पॉक्सो एक्ट) के पीठासीन अधिकारी छोटे लाल ने यह फैसला सुनाया।
सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी किरण पाल कश्यप ने बताया कि नौ जनवरी 2016 को छात्रा संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी। पीड़ित पक्ष ने 18 जनवरी 2016 को मुकदमा दर्ज कराया।
पीड़ित पक्ष का कहना था कि उनकी पुत्री रोजाना गांव के मंदिर में पूजा करने जाती थी। वहां, हापुड़ जनपद के गांव छपकौली बाबूगढ़ निवासी प्रेम चंद गोस्वामी पुजारी था। वह छात्रा को बस में बैठाकर अपने साथ ले गया था। उसके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने तफ्तीश की। पुजारी पर अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल की थी। मुकदमे का परीक्षण एडीजे (पॉक्सो एक्ट) के पीठासीन अधिकारी छोटे लाल की अदालत में हुआ।
अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश किए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपहरण की धारा में भी दोष सिद्घ होने पर पुजारी को 10 साल की सजा और पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया। दोनों सजा एक साथ चलेंगी।