रोहतक आईएमटी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में दो श्रमिकों की मौत के मामले में तनाव की स्थिति बन गई है। दोनों का पोस्टर्माटम नहीं हो सका है। रविवार को परिजन व ग्रामीण प्लांट का संचालन कर रही कंपनी से 50 लाख के मुआवजे पर अड़ गए। उनका कहना है कि इसमें कंपनी दोनों परिवारों को 15-15 लाख अपनी तरफ से दे। बाकी राशि सरकार अपनी योजना के तहत उपलब्ध कराए। साथ ही दोनों परिवारों को एक-एक नौकरी दी जाए।
पुलिस दोनों परिवारों की सहमति का इंतजार कर रही है, ताकि पोस्टर्माटम कराया जा सके। शव गृह के बाहर अटायल के ग्रामीणों के साथ-साथ खरावड़ व खेड़ी साध के ग्रामीण भी पहुंचे हुए हैं। एसडीएम राकेश सैनी दोनों पक्षों से बातचीत करके गतिरोध को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
यह है मामला
शनिवार को अटायल गांव निवासी सुरेंद्र उर्फ सिकंदर ने आईएमटी थाने में केस दर्ज कराया था कि उसके छह बच्चे हैं। इसमें तीन लड़के व तीन लड़की हैं। सबसे बड़ा लड़का देवेंद्र आईएमटी स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में माली की नौकरी करता था। जहां गांव का युवक 23 वर्षीय रूपक, प्रेम नगर निवासी नरेश, बोहर निवासी जयसिंह व अटायल निवासी कपिल हेल्पर की नौकरी करते थे। एक माह बाद रूपक की शादी होनी थी। दोपहर करीब 11 बजे मैनेजर हिमांशु व सीवरेज लाइन इंचार्ज सुनील ने उन्हें प्लांट की होद में उतरकर मोटर बदलने के लिए कहा। सभी ने जहरीली गैस होने की बात कहकर इनकार कर दिया। आरोप है कि दोनों ने जातिसूचक गालियां देते हुए नौकरी से निकालने की धमकी दी। जबरन पहले रूपक को नीचे उतरा। वह रस्सी के सहारे नीचे गया तो गैस के प्रभाव से पांच मिनट में उसकी पकड़ ढीली होने लगी। तुरंत आरोपियों ने देवेंद्र को नीचे उतार दिया। दोनों बेहोश होकर नीचे सीवरेज के पानी में जा गिरे और उनकी मौत हो गई।
बलियाना, खरावड़, अटायल व दूसरे गांव के ग्रामीण मौके आए हुए हैं। कंपनी के सामने पीड़ित परिवारों को 15-15 लाख नकद, एक-एक नौकरी देने की मांग रखी है। साथ ही सरकारी योजना के तहत भी सहायता दिलवाने को कहा है। कंपनी लिखित में देगी तो ठीक है, नहीं तो पोस्टमार्टम नहीं होगा। – बिजेंद्र सिंह, निवर्तमान सरपंच, खरावड़
दोनों पक्षों से बातचीत चल रही है। गतिरोध खत्म करवाकर पोस्टमार्टम करवाया जाएगा, ताकि दोनों शवों का अंतिम संस्कार हो सके।