रूस ने विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करने की धमकी दी

रूस ने विदेशी स्वामित्व वाली उन कंपनियों के कारखानों का राष्ट्रीयकरण करने की धमकी दी है, जिन्होंने यूक्रेन के साथ रूस के संघर्ष के मद्देनजर देश में कामकाज रोक दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस के सत्तारूढ़ दल के एक वरिष्ठ सदस्य ने उन कंपनियों के कारखानों का राष्ट्रीयकरण करने का प्रस्ताव दिया है जो रूस के अपने पड़ोसी देश पर आक्रमण के जवाब में वहां परिचालन बंद कर रहे हैं। 

यह कदम रूस में मौजूद कई विदेशी वाहन निर्माताओं को निशाना बना सकता है। 

Toyota Car Plant

कड़े कदम उठाएगा रूस
मीडिया रिपोर्ट में रूस की सत्ताधारी पार्टी की जनरल काउंसिल (सामान्य परिषद) के सचिव आंद्रेई तुर्चक का हवाला दिया गया है, जिन्होंने कहा कि रूस युद्ध के कानूनों के मुताबिक कार्रवाई करते हुए कड़े जवाबी कदम उठाएगा। 

Jaguar Land Rover Range Rover SV

दुनियाभर की कंपनियों ने रोका काम
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं जिससे देश को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा वोल्वो, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, होंडा, टोयोटा, फॉक्सवैगन, जनरल मोटर्स, जगुआर लैंड रोवर, मर्सिडीज-बेंज, फोर्ड और बीएमडब्ल्यू जैसी कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने रूस में अपने परिचालन को निलंबित कर दिया है। साथ ही इन कंपनियों ने देश में अपने वाहन निर्यात को भी निलंबित कर दिया है। 

Hyundai Santa Fe

iह्यूंदै फिर शुरू करेगी काम
ह्यूंदै रूस में मौजूद प्रमुख विदेशी ऑटोमोबाइल ब्रांडों में से एक है। इसने देश में उत्पादन रोक दिया लेकिन दावा किया कि सप्लाई चेन व्यवधान के कारण निर्णय लिया गया था। यह भी कहा कि कंपनी कारखाने के संचालन को फिर से शुरू करेगी। 

Renault Arkana SUV

रेनो की अजीब स्थिति
अन्य कंपनियों की बात करें तो, रेनो इस समय एक मुश्किल स्थिति में है। फ्रांसीसी वाहन निर्माता कंपनी AvtoVaz की मालिक है, जो Lada (लाडा) कारों का निर्माण करती है और रूस में सबसे लोकप्रिय कार ब्रांड भी है। इसने कहा है कि कंपनी अपने उत्पादन को चालू रखने के लिए माइक्रोचिप्स की घरेलू आपूर्ति की तलाश करेगी। 

Lada Samara

बाधित हुई सप्लाई चेन
मौजूदा संकट यूरोप और अन्य क्षेत्रों में भी ऑटो उद्योग को सीधे प्रभावित कर रहा है। यूक्रेन और रूस यूरोपीय ऑटो उद्योग के लिए सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युद्ध के साथ, माइक्रोचिप की कमी, ईंधन की बढ़ती कीमतों और अन्य कंपोनेंट्स की कमी के कारण सप्लाई चेन बाधित हो गई है।

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