रूस-यूक्रेन:40 KMपैदल चलीं मानसी-काजल, माइनस 6 डिग्री में गुजारी रात

यूक्रेन में मेरठ जिले के 15 से ज्यादा छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं। रविवार को कंकरखेड़ा की मानसी और रोहटा रोड की काजल माइनस छह डिग्री सेंटिग्रेड तापमान में खुले आसमान तले 40 किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचीं। यूक्रेन की फोर्स ने उन्हें वहां से वापस लौटा दिया। एमबीबीएस की दोनों छात्राएं जंगलों में फंसी हैं। परिवार से उनकी ऑनलाइन बात हो गई है। वहीं मेरठ के स्नेहाशीष ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि वह और उनके साथी रोमानिया के शेल्टर होम में पहुंचे हैं। रोमानिया से भारत के लिए फ्लाइट 1 मार्च को है।

काजल।

रोहटा रोड निवासी काजल वर्मा लवीब शहर में एमबीबीएस की द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। पिता विनोद वर्मा ने बताया नेटवर्क भी नहीं हैं, जिससे कभी कभी ही बात हो पा रही है। वो 24 घंटे से ज्यादा जंगलों में फंसी हुई है। काजल कंकरखेड़ा की मानसी चौधरी सहित 23 भारतीय साथियों के साथ पौलेंड बॉर्डर के लिए निकली थीं। उनके साथ 15 सौ छात्र-छात्राएं हैं। मानसी के पिता अनुज चौधरी ने बताया कि दोनों बच्चियां चिप्स और पानी से ही काम चला रही हैं। उन्होंने एक दुकान में शरण ली, लेकिन सुबह उन्हें वह जगह भी छोड़नी पड़ी।  

यूक्रेन में फंसे इदरीश त्यागी और खुशी बालियान
यूक्रेन में फंसे इदरीश त्यागी और खुशी बालियान

खरखौदा की तमन्ना का परिजनों से नहीं हो रहा संपर्क 
इवानो फ्रेंकिवस्क मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की तीसरे वर्ष की छात्रा तमन्ना रोमानिया बॉर्डर पर फंसी हैं। रविवार दोपहर एक बजे संपर्क के बाद उसका परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया। रोमानिया बॉर्डर पार करने के बाद बस मिलने की सूचना मिली थी।  मां रीना त्यागी ने बताया उनके पति बीमार चल रहे हैं, ऐसे में बेटी की वजह से चिंता बढ़ गई है। 

रोमानिया शेल्टर होम में भारतीय छात्र व घर लौटे पंकज
रोमानिया शेल्टर होम में भारतीय छात्र व घर लौटे पंकज

खारकीव में गंगानगर की श्वेता
गंगानगर की श्वेता सैनी यूक्रेन के खारकीव में फंसी हैं। पिता रमेश सैनी ने बताया कि बंकरों में हैं। उन्हें बार्डर के  लिए निकलने से रोका गया है। सरकार को ठोस कदम उठाकर बच्चों को जल्द से जल्द निकालने के लिए कहा है।

यूक्रेन से स्वदेश पहुंचा खुजनावर का राव अहमद 
यूक्रेन में फंसा छुटमलपुर के गांव खुजनावर निवासी इवानो यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस का छात्र राव अहमद रविवार शाम साढ़े छह बजे स्वदेश पहुंच गया। उसके पिता राव इकराम ने बताया कि दिल्ली पहुंचते ही उनके बेटे ने फोन पर खबर दी। इससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अल्लाह ने उनकी दुआ कबूल कर ली। उन्होंने बताया कि उसे यूपी भवन ले जाया गया है। उसने यूपी भवन जाते वक्त अपनी वीडियो बनाकर परिजनों को भेजी है।

वीडियो में अहमद के चेहरे पर भी खुशी साफ झलक रही है। उसने अपने पिता को बताया कि यूपी भवन से वह रात में किसी वक्त या फिर सोमवार को गांव पहुंच जाएगा। इससे पहले वह यूनिवर्सिटी की तरफ से उपलब्ध कराई गई बस से रोमानिया बार्डर पहुंचा था। राव इकराम ने बताया कि संकट में फंसे उनके बेटे को स्वदेश लाने में सरकार ने काफी मदद की है। वे इसके लिए तहे दिल से शुक्रगुजार हैं।

यूक्रेन में फंसे बिजनौर जिले के ग्राम गजरौला शिव व मुकीमपुर धर्मसी उर्फ खेड़ा के दो छात्रों में से एक छात्र आज सवेरे 7:00 बजे अपने घर सकुशल वापस आ गया ह, जबकि एक छात्र खारकीव में भारतीय छात्रों के साथ बनकर में फंसा हुआ है।

मुकीमपुर धर्मसी उर्फ खेड़ा निवासी पंकज पुत्र राजेंद्र सिंह आज सवेरे 7:00 बजे अपने घर आ गए हैं। पंकज ने बताया कि वह इंडियन समय अनुसार रोमानिया से शनिवार दिन में 11:30 बजे रवाना हुए थे। रविवार शाम 6:00 बजे उनका विमान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार की गाड़ी तीन छात्रों को लेकर रात्रि 12:00 बजे उनको घर के लिए लेकर निकली जो सोमवार सुबह 7:00 बजे बिजनौर के गांव मुकीमपुर धर्मसी पहुंची, जहां परिवार के लोग उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

भारतीय छात्र व रोमानिया में फंसे छात्र

गाड़ी में गाजियाबाद, छुटमलपुर व बिजनौर सहित तीन छात्र सवार थे। गाड़ी पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा था। पंकज के आने से परिवार में खुशी का माहौल है। ग्रामीण उनका हालचाल जानने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। जबकि गजरौला शिव निवासी मोहम्मद अकमल पुत्र नूर अहमद का छात्र यूक्रेन के खारकीव के बंकर में भारतीय छात्रों के साथ फंसा हुआ है। मोहम्मद अकमल ने बताया कि परिवार के लोगों से बराबर बातचीत की जा रही है। बंकर में वह सुरक्षित है गोलियां व राकेट दागने की आवाज बराबर सुनाई दे रहीं हैं। वहां से अभी निकलने का कोई इंतजाम नहीं है।

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