हिमाचल में बनी एसिडिटी, मधुमेह सहित 11 दवाओं के सैंपल फेल, स्टॉक हटाने के आदेश

हिमाचल प्रदेश में बनीं एसिडिटी, बैक्टीरियल संक्रमण के इंजेक्शन, बीपी, शुगर समेत 11 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने फरवरी में देश भर में बनीं 1251 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनमें से 59 सैंपल फेल हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा उत्तराखंड में बनीं 15 और हिमाचल में बनीं 11 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए। हिमाचल प्रदेश के सोलन की लोधीमाजरा स्थित स्पॉस रेमीडाइज कंपनी में बनी एंटीबायोटिक दवा ऑक्सीक्लीन और पोटाशियम क्लैव्यूलनेट टैबलेट, बरोटीवाला स्थित कोसमास कंपनी की एसिडिटी की दवा पेंटाप्रोजोल, बद्दी के थाना गांव स्थित क्योजोटिक हेल्थ केयर की विटामिन बी-12, कालूझिंडा की पार्क फार्मास्यूटिकल कंपनी की संक्रमण की दवा अमॉक्सीक्लिन और पोटाशियम क्लैव्यूलनेट, झाड़माजरी की यूनिटल फॉर्मुलेशन कंपनी का बैक्टीरिया संक्रमण के पाइपेरासिलीन ताजोबेक्टम इंजेक्शन का सैंपल फेल हुआ है।

इसके अलावा लोधीमाजरा स्थित एश्वर्य हेल्थ केयर कंपनी का अल्सर का इंजेक्शन हेपासिल (हेपारिन सोडियम), बद्दी की आरिस्तो फार्मास्यूटिकल्स मोनोसेफ की सेफ्पोडोक्सिम टैबलेट, पांवटा साहिब की जीलेबोट्रीज का संक्रमण क लिए बनाया पाइपेरासिलीन ताजोबेक्टम इंजेक्शन, जिला कांगड़ा की टेरेस फार्मास्यूटिकल कंपनी की बीपी की दवा रैमीप्रील, बद्दी स्थित हिलरस लैब की शुगर की दवा ग्लिेमेपिराइड और सिरमौर के कालाअंब स्थित इवेंट कॉरपोरेशन की उल्टी की दवा अल्बेंडाजोल के सैंपल फेल हुए हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि इन सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। वहीं दवाओं के सैंपल फेल होने के बाद इन दवाओं के स्टॉक को बाजार से वापस मंगवाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

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