सत्यपाल मलिक: ये फितना आदमी की ख़ाना-ख़राबी……

अपना राज्यपाल का कार्यकाल पूरा कर सत्यपाल मलिक शिलांग से सीधा अपने पैतृक गांव हिसावदा पहुंचे। अपने चाहने वालों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में बोलते हुए मलिक साहब ने फर्माया कि अब वे गवर्नर के भारी भरकम पद से सेवा मुक्त हो कर आजाद हो गए हैं। उन्हें अब कोई बोलने या कुछ करने से रोक नहीं सकता। अब वे आज़ाद हैं और अब वे अखिलेश तथा जयन्त को राजनीति में मदद करेंगे।

मलिक साहब ने सबसे पहले जयन्त चौधरी के पितामह चौधरी चरण सिंह की राजनीति में मदद की। जब चौधरी साहब को राजनीति का पाठ पढ़ा चुके तब राजा मांडा विश्वनाथ प्रताप सिंह को राजनीति का पाठ पढ़ाया। इसके बाद राजीव गांधी को राजनीति की ए.बी.सी.डी. सिखाई। तत्पश्चात धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव को पाठ पढ़ाया था। रिटायर होते-होते नरेंद्र मोदी को घोट-घोट कर राजनीति के सबक सिखाये। रिटायरमेंट के बाद भी नेताओं को राजनीति के पाठ पढ़ाने के वलवले उनके दिल में हिलोरें मार रहे हैं सो अब जयंत व अखिलेश को राजनीति सिखाने की जुस्तजू में हैं। खुदा जाने ये नौजवान नेता बूढ़े खूसट को अपना गुरु बनाएंगे या नहीं ?

यूं मलिक साहब के विषय में यही कहा जा सकता है- ‘ये फितना आदमी की ख़ाना-ख़राबी क्या कहिये, हुए तुम दोस्त जिसके दुश्मन उसका आसमां क्यूं हो?’

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

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