SC ने WhatsApp को जारी किया नोटिस, कहा- प्राइवेसी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर वॉट्सऐप के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने वॉट्सऐप से कहा कि, ये हमारा अधिकार है कि हम यूजर्स की प्राइवेसी की रक्षा करें. कोर्ट ने वॉट्सऐप से इस बात की भी जानकारी देने के लिए कहा कि, कंपनी ये भी बताए कि वो यूजर्स का कौन सा डाटा शेयर कर रही है और कौन सा नहीं. नई प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार, वॉट्सऐप यूजर्स का डेटा ग्लोबली शेयर करता है. ये सबकुछ इंटरनली शेयर होता है जिसमें फेसबुक भी शामिल है. वहीं एक्सटर्नल पार्टनर और सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ भी डेटा को शेयर किया जाता है.

याचिकाकर्ता की तरफ से श्याम दीवान ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार मामले को गंभीरता से ले रही है जहां सरकार ने वॉट्सऐप को नोटिस भेजा है. वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को 5 फरवरी से लागू करने की घोषणा की थी जहां इसे बाद में बढ़ाकर 14 मई कर दिया गया. बता दें कि वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारत और यूरोप के लिए अलग अलग है.

वॉट्सऐप प्राइवेसी मामले में वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने 5 फरवरी को कहा था कि मामले की सुनवाई हाईकोर्ट करे. श्याम दीवान ने कहा कि वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी भारत के लिए अलग नही हो सकती, सरकार को वॉट्सऐप की नई पॉलिसी लागू न करने के लिए आदेश देना चाहिए.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्राइवेसी के.साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. ये देश के लोगों का अधिकार है. वहीं वॉट्सऐप की तरफ से एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि पॉलिसी से प्राइवेसी को लेकर कोई खतरा नहीं है. ये पूरी तरह से सुरक्षित है. जबकि अत में सीजेआई ने कहा कि, फेसबुक और वॉट्सऐप को डाटा शेयरिंग को लेकर अपनी पॉलिसी स्पष्ट करनी चाहिए.

CAIT भी दायर कर चुका है याचिका

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT ) भी WhatsApp को उसकी नई गोपनीयता नीति को ख़ारिज करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुका है. कैट ने अपनी याचिका में कहा था की कंपनी प्रस्तावित निजता नीति भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकों के विभिन्न मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण कर रहा है. कैट ने यह भी प्रार्थना की है कि WhatsApp जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश तैयार करने चाहिए और ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो नागरिकों और व्यवसायों की गोपनीयता की रक्षा करें.

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