महिलाओं को खेतों में काम करता देख डीएम ने उठाई दरांती और महिलाओं संग काटने लगीं धान,देखें तस्वीरों में…

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में सभी उस वक्त हैरत में पड़ गए, जब जिलाधिकारी वंदना सिंह ने दरांती उठा खेत में काम करना शुरू कर दिया और फसल काटी। दरअसल, जिलाधिकारी तल्लानागपुर क्षेत्र के खेतों की मानक फसल पैदावार के आकलन के लिए गडमिल गांव पहुंची थी। इस दौरान 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैले खेत में धान की कटाई और मंडाई की गई, जिसमें पांच किलो 100 ग्राम धान की फसल का उत्पादन हुआ। 

इस दौरान जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि फसल कटाई प्रयोग जिले में फसल के औसत पैदावार के आकलन के लिए किया जाता है। साल में दो बार खरीफ और रबी की फसल में फसल कटाई का प्रयोग किया जाता हैं। किस क्षेत्र में कितना उत्पादन होगा, उसके लिए खेत का चयन किया जाता है। इससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल करने में मदद मिलती है। 

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि औसत पैदावार की गणना और नुकसान के साथ ही फसल खराब होने के आंकलन के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसी के आधार पर फसल के बीमे के लाभ की गणना की जाती है। इस अवसर पर प्रधान गडमिल यशवंत सिंह बुटोला, सांख्यिकीय अधिकारी रंजीत शाह, अपर सांख्यिकी अधिकारी कुसुम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

कोशिशें परवान चढ़ी तो निकट भविष्य में अखरोट उत्पादन उत्तराखंड में ग्रामीण आर्थिकी को संवारने का बड़ा जरिया बनेगा। सूबे में अखरोट उत्पादन की अपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार इसके लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) से वित्त पोषित एकीकृत कृषि बागवानी योजना के तहत टिहरी जिले के मगरा फार्म को अखरोट का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित करने की तैयारी है। 

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