वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामकुमार कौशिक नही रहे

नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता और जिले के निष्ठावान एवं समर्पित वयोवृद्ध कांग्रेस नेता रामकुमार कौशिक का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। मध्यान भारी संख्या में शोकाकुल लोगों की उपस्थिति में काली नदी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। श्री कौशिक की पहचान एक कुशल अधिवक्ता के साथ-साथ निष्ठावान कांग्रेस नेता के रूप में होती थी। राजनीतिक उठा-पटक के दौर में जब दिग्गज नेता इधर से उधर होते रहे इसके विपरित कौशिक जी की आस्था और विश्वास कांग्रेस नेतृत्व के प्रति सुदृढ़ रहा। वे कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान संचालित करने में पारंगत माने जाते थे। कम्युनिस्ट नेता विजय पाल सिंह के हाथों चौधरी चरण सिंह को चुनाव में शिकस्त देने की रणनीति कौशिक जी तथा मुजफ्फरनगर से संबंधित दिल्ली विश्वविद्यालय के एक शिक्षाविद तथा वामपंथी नेता की थी। दिल्ली में झंडेवालान स्थित एक प्रेस से एक ट्रक पोस्टर मंगवाये गए जिन्हें पूरे चुनाव क्षेत्र में रातों-रात चिपकवाया गया। इस पोस्टर में मोटे शब्दों में सिर्फ एक वाक्य लिखा था- “सलेक चंद का लहू पुकार रहा है।” इस पोस्टर ने चुनाव को पलट दिया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता के मुकाबले एक सामान कम्युनिस्ट कार्यकर्ता जीत गया। जिन्हें कांग्रेस का खुला समर्थन था। इसी प्रकार किसान मजदूरों के लोकप्रिय नेता बाबू नारायण सिंह के विरुद्ध चुनावी रणनीति कौशिक जी ने ही तैयार की थी, जिससे कांग्रेस उम्मीदवार धर्मवीर त्यागी विजय हुये थे। कौशिक जी पूर्व मंत्री विद्याभूषण के अति विश्वसनीय रहे, उनके मंत्रित्व काल में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन भी निर्वाचित हुए। वे मृदुभाषी एवं व्यवहार कुशल व्यक्ति थे। जिनकी समाज के सभी वर्गों में पैठ थी उनके निधन से कांग्रेस को तथा निष्ठावान राजनीतिक परंपरा को क्षति पहुंची है। ‘देहात’ परिवार कौशिक जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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