सेवानिवृत्त हुए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आइएएस खेतान, घर ले जाने आफिस पहुंचा परिवार

 छत्तीसगढ़ कैडर के सबसे वरिष्ठ आइएएस और राजस्व मंडल के अध्यक्ष चितरंजन कुमार खेतान शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए। 34 वर्ष की लंबी लोक सेवा के बाद नौकरशाही से विदा ले रहे खेतान को लेने उनका परिवार उनके कार्यालय पहुंच गया। इनमें पत्नी और दो बेटियां शामिल थीं। खेतान ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। बताया कि मेरी सर्विस के अंतिम दिन विनीता, अंतरा और अनुष्का मुझे लेने कार्यालय पहुंचीं।

सेवानिवृत्त पर खेतान ने कहा कि 34 साल की सेवा में गरिमा और सिद्धांत कायम रखने की कोशिश की। आमजन व लोकसेवा की कोशिश की। गलतियां हुई लेकिन प्रयास ईमानदारी से किया। सबका धन्यवाद। किसी से गिला नहीं। एक नई पारी की शुरुआत करूंगा। ईश्वर साथ है और परिवार भी। बता दें कि 1987 बैच के आइएएस खेतान राज्य कैडर के सबसे वरिष्ठ अफसर हैं। उन्हें मुख्य सचिव के पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन सरकार ने उन्हें राजस्व मंडल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। खेतान ने अपने प्रशानिक सेवा की शुरुआत अविभाजित मध्य प्रदेश में इंदौर नगर निगम के प्रशासक के रूप में की थी। 1995 में वे छतरपुर के कलेक्टर बनाए गए। इसके बाद उन्हें दमोह के कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे यहां आ गए। यहां रायपुर जिले के कलेक्टर रहे। उन्हें दो बार जनसंपर्क विभाग की कमान सौंपी गई।

आइएएस अग्रवाल बनाए गए राजस्व मंडल के सदस्यखेतान के सेवानृवित्त होते ही सरकार ने आइएएस उमेश अग्रवाल राजस्व मंडल का सदस्य बना दिया है। 2004 बैच के आइएएस अग्रवाल फिलहाल सचिव गृह विभाग थे।

फिलहाल अध्यक्ष की नियुक्ति नहींआइएएस अग्रवाल को राजस्व मंडल में सदस्य बनाए जाने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार फिलहाल वहां अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करेगी। माना जा रहा कि सदस्य के तौर पर अग्रवाल ही बोर्ड की कमान संभालेंगे। उनकी छवि एक इमानदार अफसर की रही है।मुख्य सचिव स्तर का पद है अध्यक्षराजस्व मंडल के अध्यक्ष का पद मुख्य सचिव स्तर का है, लेकिन राज्य में फिलहाल इस रैंक पर अफसरों की कमी है। राज्य कैडर में एसीएस या उससे ऊपर रैंक के चार अफसर हैं। खेतान के सेवानिृत्त होने के बाद वरिष्ठता क्रम में 1987 बैच के वीबीआर सुब्रमण्यम ऊपर आ गए हैं। अभी वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनके बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन हैं। इनके बाद एसीएस रेणु पिल्ले और सुब्रत साहू हैं।

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