काबुल में स्कूल के बाहर सिलसिलेवार धमाके, 50 से ज्यादा की मौत, मृतकों में ज्यादातर छात्राएं

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पश्चिमी इलाके में स्थित लड़कियों के एक स्कूल के नजदीक देर शाम हुए बम विस्फोट में अबतक 55 लोगों की मौत हो गई है. मारे गए लोगों में ज्यादातर 11 से 15 साल के बच्चे हैं, जिनमें बड़ी संख्या ग‌र्ल्स स्कूल की छात्राओं की है. घटना में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हमले के लिए तालिबान के एक धड़े को जिम्मेदार ठहराया है जबकि तालिबान ने इस हमले की निंदा की है और इसमें अपना हाथ होने से इन्कार किया है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन के अनुसार घटना की जांच शुरू हो गई है. मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है. जिस इलाके में यह विस्फोट हुआ है उसमें बड़ी संख्या में शिया मुसलमान रहते हैं. इस लिहाज से शक आतंकी संगठन आईएस पर भी जा रहा है.

आईएस पर भी शक की सुई
अफगानिस्तान में पैर जमाने के लिए आईएस ने हाल के वर्षो में इस तरह की कई सनसनीखेज वारदात की हैं. जिस स्कूल के नजदीक विस्फोट हुआ है उसका नाम सैयद अल-शाहदा स्कूल है. इस स्कूल की इमारत को भी विस्फोट से नुकसान हुआ है. नजदीक रहने वाले नासर रहीमी के अनुसार एक के बाद एक, तीन विस्फोटों की आवाज सुनी गईं और उसके बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई. धूल का गुबार छंटने पर जब लोग मौके पर पहुंचे तो वहां लाशें और अंग बिखरे पड़े थे. जहां-तहां पड़े घायल मदद के लिए चिल्ला रहे थे. इसके बाद उपलब्ध साधनों और एंबुलेंस से घायलों को नजदीक के अस्पतालों में ले जाया गया.

एक सुन्नी धड़े ने भी युद्ध छेड़ने की बात की थी
हाल ही में अफगानिस्तान के सुन्नी मुस्लिमों के एक कट्टरपंथी समूह ने देश में शिया मुस्लिमों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का ऐलान किया था. शक उस पर भी किया जा रहा है, लेकिन अमेरिका इस तरह के हमले के लिए पूर्व में आईएस की ओर उंगली उठा चुका है. इस धमाके की असल वजह का अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ स्थानीय मीडिया के अनुसार यह धमाका रॉकेट की वजह से हुआ, जबकि अन्य रिपोर्ट के मुताबिक यह विस्फोट कार बम के कारण हुआ. टेलीविजन पर आ रही तस्वीरों में यहां-वहां पड़े स्कूल बैग और जली हुई गाड़ियां और खून से सनी हुई स्कूली किताबें और लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढते नजर आ रहे हैं.

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