लखनऊ। लोहिया संस्थान में लगभग 200 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की संविदा खत्म होगी। बुधवार को संस्थान प्रशासन ने मानव संसाधन मुहैया कराने वाली संस्थान को इन कर्मचारियों को हटाने संबंधी नोटिस थमा दी। नोटिस मिलते ही कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा। नाराज कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन में धरना प्रदर्शन किया। हंगामे की वजह से संस्थान में अफरा-तफरी मची रही।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत लोहिया संस्थान में करीब 200 आउटसोर्सिंग कर्मचारी रखे गए। करीब दो साल से कर्मचारी काम कर रहे हैं। कोविड के मद्देनजर इन कर्मचारियों को भर्ती किया गया था। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोविड के तहत रखी गई भर्तियों को रद्द कर दिया गया। 31 मार्च के बाद कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। लोहिया संस्थान प्रशासन की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि होली के मद्देनजर कर्मचारियों को मार्च में नहीं हटाया गया था। पर, अब पहली अप्रैल से इन कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं।
मरीजों का काम होगा प्रभावित
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हटने से मरीजों का इलाज प्रभावित होगा। क्योंकि ज्यादातर कर्मचारी वार्ड में तैनात हैं। इसमें ओटी, डायलिसिस, वेंटिलेटर टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, वार्ड आया समेत अन्य पदों पर कर्मचारी तैनात हैं। इनके जाने से मरीजों का इलाज प्रभावित होगा। मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ सकता है।
खाली पदों पर हो समायोजन
कर्मचारियों का कहना है कि कोविड के दौरान हम लोगों ने कड़ी मेहनत कर मरीजों की जान बचाई है। मरीजों की सेवा की है। हम लोग अच्छा काम कर रहे हैं। इसके बावजूद हमें नौकरी से हटाया जा रहा है। जबकि संस्थान में बड़ी संख्या में पद खाली हैं। इनके सापेक्ष हमें भर्ती किया जा सकता है।