शाह ने की हाई-लेवल बैठक, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और जी-20 की तैयारियों की समीक्षा की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। चार घंटे की इस मैराथन बैठक में एनएसए अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह सचिव अजय भल्ला, डीजीपी जम्मू-कश्मीर दिलबाग सिंह, केंद्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

बैठक में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के हालात को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान जी-20 बैठक की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। शाह को जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई और एक प्रेजेंटेशन भी दी गई। इस दौरान लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के हालात, सीमा से घुसपैठ की साजिशों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

इससे पहले छह अप्रैल को डीजीपी सिंह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह समाप्त रहा है। यहां अब कानूनी विरोधी घटनाएं निम्नतम स्तर पर पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा था कि जिन युवाओं को बरगलाकर आतंक के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर दिया था, वे भी सच्चाई के रास्ते पर वापस आने लगे हैं। ऐसा युवा अब मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं। 

हाल की कुछ घटनाओं ने बढ़ाई चिंता

  • 30 मार्च को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक आईईडी विस्फोट हुआ था। इससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई थी। इस विस्फोट से एक बड़ा गड्ढा बन बया था।
  • बीते साल जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की भी कई घटनाएं हुई थी।
  • सरकार ने संसद में बताया था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जुलाई 2022 तक 118 नागरिकों की मौत हुई थी। इसमें पांच कश्मीरी पंडित, 16 हिंदू और सिख भी शामिल थे। 
  • मई 2022 में कटरा में एक बस में आग लग गई थी। इस दौरान हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और कम से कम 20 घायल भी हुए थे।
  • जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को हटा दिया गया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here