मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारी भी नेताओं के निशाने पर आ गए है। शनिवार को भोपाल और नर्मदापुरम संभाग की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अधिकारियों को धमकाने के बयान पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि असल में यह सत्ता का अहंकार है कि शाह अफसरों को धमका रहे हैं और शिवराज सरकारी पैसों को बांटकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। जनता के वोट से चुनी गई सरकार (यहां तो खरीदी गई) को चुनाव में जाने से पहले इस तेवर के लिए माफ नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र बचाना है तो उन्हें हटाना ही पड़ेगा। कांग्रेस लाओ देश बचाओ।
कांग्रेस चुनाव आयोग को शिकायत करेंगी
पूर्व सीएम ने कहा कि यह बहुत बड़ा प्रकरण है कि इस देश का गृहमंत्री नियमों और कानूनों का उललंघन कर रहे हैं। आचार संहिता के समय वह सरकारी अधिकारी और कर्मचारी को धमका रहा है। यदि थोड़ी बहुत भी निष्पक्षता चुनाव आयोग में बची है तो तत्काल उनको नोटिस देकर दंडित करना चाहिए। और उनको प्रचार करने से रोकना चाहिए। कांग्रेस पार्टी इस बात को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग को शिकायत करेगी।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व निष्पक्ष चुनाव में बन रहा बाधा
पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मध्य प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत बड़ी बाधा बनता जा रहा है। अधिकारियों को धमकी देना कि अगर उन्होंने भाजपा के चुनाव चिन्ह ‘कमल’ का ध्यान नहीं रखा तो उसे छोड़ना मत, न सिर्फ आचार संहिता का खुला उल्लंघन है, बल्कि आपराधिक कृत्य है। चुनाव प्रक्रिया के बीच में अधिकारियों को डराना और धमकाना लोकतंत्र की हत्या करने के बराबर है। मैं मध्य प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारियों का आवाहन करता हूं कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है, उन्हें सिर्फ वही कार्य करना चाहिए जो संवैधानिक दृष्टि से उचित है। आप राज्य शासन के कर्मचारी और अधिकारी हैं, ना कि किसी दल विशेष के। मुझे पूरी आशा है कि अधिकारी कर्मचारी भी पहचानेंगे कि कौन सा राजनीतिक दल लोकतंत्र को मजबूत कर रहा है और कौन सा राजनीतिक दल लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों को कमजोर कर रहा है। आइये हम सब मिलकर लोकतंत्र की रक्षा करें और लोकतंत्र को मजबूत करें।
एमपी के तीन दिवसीय दौरे पर शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुनाव से पहले तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को एमपी आए। उन्होंने जबलपुर, छिंदवाड़ा के बाद शनिवार देररात भोपाल में नर्मदापुरम और भोपाल संभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। यहां पर उन्होंने विधानसभावार फीडबैक के साथ ही चुनावी रणनीति पर चर्चा की। साथ ही टिकट वितरण के बाद डैमेज कंट्रोल पर भी चर्चा की। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि नाराज कार्यकर्ताओं को मनाएं और 20 दिन चुनाव में जुट जाएं। शाह ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो मुझसे बात कराएं। उन्होंने चुनाव में कमल का ध्यान नहीं रखने वाले अधिकारियों को भी चेतावनी दी है