इलाहाबाद हाईकोर्ट से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को झटका, जमानत याचिका खारिज

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली भदोही विधायक विजय मिश्रा को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. विजय मिश्रा के खिलाफ रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने भदोही के गोपीगंज थाने में मकान पर कब्जा करने ,जान से मारने की धमकी देने और अपने बेटे के नाम वसीयत करने का दबाव डालने के आरोप में एफआई आर दर्ज कराई है. कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता और अपराधों मे संलिप्तता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने दिया है. याची अधिवक्ता का कहना था कि वह सम्मानित व्यक्ति है. अधिकांश केस में बरी हो चुका है या वापस ले लिए गए है. जो बचे है राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के कारण दर्ज कराये गये है.

अधिवक्ता का कहना है कि प्रश्नगत मामले में आरोप निराधार है. कोई वसीयत नहीं की गयी है. मुकद्दमों का विचारण चल रहा है जिसमें वह सहयोग कर रहा है. बरी केस में केवल एक के खिलाफ अपील लंबित है. सरकार की तरफ से कहा गया कि याची की दबंगई के चलते कोई एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं करता. इस पर हत्या ,दुराचार जैसे जघन्य आरोपों के केस दर्ज है. गवाह डर के मारे नहीं मिलते. अगर जमानत दी गयी तो गवाहों पर दबाव डालेगा.

बीते दिनों विधायक विजय मिश्रा पर उनके रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने प्रॉपर्टी और फर्म पर कब्जा समेत कई अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. जिस मामले में विधायक विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. इस समय विधायक विजय मिश्रा आगरा जेल में बंद है. इस मामले में विधायक के बेटे और पत्नी पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मुकदमे के बाद विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे और उनके एक रिश्तेदार पर वाराणसी की रहने वाली एक युवती ने रेप का मुकदमा भी दर्ज कराया था.

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