सीएम केजरीवाल को फिर झटका, डॉक्टर से परामर्श की मांग खारिज

जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. निजी डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कंसल्टेशन की मांग वाली याचिका पर खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया है. हालांकि, राउज एवेन्यू की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने केजरीवाल को इंसुलिन देने या न देने के लिए तिहाड़ जेल को AIIMS के डॉक्टरों की देखरेख में मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, अगर अरविंद केजरीवाल को जेल में स्पेशल कंसल्टेशन की जरूरत होती है तो तिहाड़ जेल के अधिकारी एम्स के निदेशक द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से परामर्श करेंगे. गठित मेडिकल बोर्ड उनको इंसुलिन दिए जाने के बारे में निर्णय लेगा. बोर्ड केजरीवाल के लिए डाइट और खाने का प्लान निर्धारित करेगा. उनको तिहाड़ जेल में घर का खाना जारी रहेगा.

सहानुभूति लेने के लिए नौटंकी कर रहे हैं: मनजिंदर सिंह

बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बयान जारी कर कहा कि केजरीवाल जी जेलर को चिट्ठी लिखकर नौटंकी कर रहे हैं कि शुगर लेवल ज्यादा है और इंसुलिन दी जाए. ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जब वोट मांगने जा रहे हैं तो लोग उनको दौड़ रहे हैं. कह रहे हैं कि तुमने हमारे बच्चों को नशा परोसा है. अरविंद केजरीवाल ने नशा बेचकर पैसे बनाए हैं. इसलिए हम वोट नहीं देंगे और ये सहानुभूति लेने के लिए नौटंकी कर रहे हैं.

बता दें कि केजरीवाल ने अपने डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात करने की इच्छा जताई थी. उन्होंने शुगर लेवल और इंसुलिन न मिलने को लेकर चिट्ठी लिखी थी. ये चिट्ठी जेल सुप्रिडेंटेंट के नाम पर थी. इसमें उन्होंने लिखा, मैंने अखबार में तिहाड़ प्रशासन का बयान पढ़ा, जिसके बाद दुख हुआ. प्रशासन के बयान झूठे हैं. मैं रोज इंसुलिन मांग रहा हूं.

‘पिछले 10 दिन से ये मुद्दा उठा रहा हूं’

केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखा, तिहाड़ प्रशासन का पहला बयान था कि केजरीवाल ने इन्सुलिन का मुद्दा कभी नहीं उठाया. ये सरासर झूठ है. पिछले 10 दिन से ये मुद्दा उठा रहा हूं. जब भी डॉक्टर मुझे देखने आए, मैंने कहा कि मेरा शुगर लेवल बहुत हाई है. मैंने ग्लूको-मीटर की रीडिंग दिखाई. शुगर लेवल 250-320 के बीच जाता है. मैंने बताया कि फास्टिंग का शुगर लेवल रोज 160-200 पर है. मैंने रोज इन्सुलिन की मांग की है. तो आप यह झूठा बयान कैसे दे सकते हैं कि केजरीवाल ने कभी इन्सुलिन का मुद्दा नहीं उठाया?

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