केजरीवाल से सिद्धू ने पूछा – किसको दी 8 लाख नौकरियां?

पंजाब की सियासत में अपने लिए बड़ी संभावना तलाश रहे अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस ने आज दिल्ली में ही घेरा। कांग्रेस ने यहां उन्हीं मुद्दों पर केजरीवाल पर हमला बोला जिन मुद्दों के बहाने वे पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद पंजाब के युवाओं को लाखों नौकरियां देने और हर बेरोजगार युवा को तीन हजार रूपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा इनमें शामिल है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली में कोरोना काल में बेरोजगार हुए गेस्ट टीचर्स के एक प्रदर्शन में शामिल हुए और केजरीवाल से पूछा कि क्या उन्होंने दिल्ली में बेरोजगारों से किया गया अपना वायदा निभाया? हजारों बेरोजगार अध्यापकों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल दिल्ली में ही अपना वादा नहीं निभा रहे हैं तो वे पंजाब के युवाओं का भविष्य संवारने का वायदा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर झूठों के बल पर राजनीति करने वाला नेता होने का आरोप भी लगाया।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने यहां के युवाओं को आठ लाख सरकारी नौकरियां देने का वायदा किया था, लेकिन अब तक उन्होंने केवल 440 युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया है। केजरीवाल ने दिल्ली में 20 नए कॉलेज खोलने का वादा भी किया था, लेकिन सात साल सत्ता संभालने के बाद भी अब तक वे एक भी कॉलेज नहीं खोल पाए। उन्होंने कहा कि जब से केजरीवाल ने सत्ता संभाली है, दिल्ली में बेरोजगारी पांच गुना बढ़ गई, लेकिन इसके बाद भी वे पंजाब में नौकरियों का वायदा करते हैं तो यह हास्यास्पद है।  

दिल्ली सरकार के स्कूलों पर हमला बोलते हुए सिद्धू ने कहा कि 2015 में जब केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता संभाली थी, तब सरकारी स्कूलों में केवल 12,515 शिक्षकों के पद रिक्त थे, लेकिन आज यह आंकड़ा बढ़कर 19,907 हो चुका है। इसी प्रकार बाकी क्षेत्रों में भी बेरोजगारी में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के होते हुए भी यदि केजरीवाल पंजाब के युवाओं को नौकरी देने का वायदा करें तो यह केवल झूठ है। 

कांग्रेस की रणनीति
दरअसल, जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमें आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब सबसे अहम स्थान रखता है। दिल्ली के बाद अब तक केवल पंजाब में ही आम आदमी पार्टी की राजनीति सफल हुई है। इस समय भी वह पंजाब में विपक्ष के सबसे बड़े दल की भूमिका में है। केजरीवाल इस सफलता को पंजाब की सत्ता तक ले जाकर राष्ट्रीय राजनीति में अपने लिए बेहतर संभावना भी तलाशना चाहते हैं। 

यही कारण है कि पार्टी लगातार पंजाब में आक्रामक प्रचार कर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी हुई है। 300 यूनिट मुफ्त बिजली, युवाओं-महिलाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता देना इसी रणनीति के अंतर्गत किया जा रहा है। पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी कलह ने उसकी संभावनाओं को और मजबूत करने का काम किया है।  

इधर, कांग्रेस किसी भी कीमत पर पंजाब विधानसभा चुनाव हारना नहीं चाहती। उसे पता है कि यदि इन पांच राज्यों के चुनाव में वह बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो उसके लिए 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में मजबूत दावेदारी कर पाना मुश्किल होगा। उसके कमजोर होते ही तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी विपक्षी दलों के नेतृत्व पर ज्याद मजबूती के साथ अपना दावा ठोंकेंगी। कांग्रेस कतई नहीं चाहेगी कि मामला इस स्थिति तक पहुंचे। बल्कि, वह पंजाब सहित उत्तराखंड और गोवा जैसे राज्यों में मजबूत प्रदर्शन कर 2024 में भाजपा को मजबूत चुनौती देना चाह रही है। 

लेकिन कांग्रेस की मजबूत वापसी हुई
कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के आपसी झगड़े में कांग्रेस का पंजाब में बड़ा नुकसान हो रहा था। लेकिन कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर विपक्षी दलों के मुंह से पंजाब की राजनीति छीन ली है। लगभग एक तिहाई दलितों की आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को दलित समुदाय किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहता है, इसके लिए वह लगभग एकमुश्त कांग्रेस की ओर मुड़ सकता है। इसके साथ किसानों और अन्य वर्गों के साथ आने से कांग्रेस पंजाब में लगभग अजेय होने वाली स्थिति में आ सकती है।  

आने वाले दिनों में कांग्रेस अरविंद केजरीवाल का दिल्ली में जोरदार विरोध करने की रणनीति भी बना रही है। पार्टी का मानना है कि केजरीवाल को जितना दिल्ली में घेरा जाएगा, इसका सीधा असर पंजाब और उत्तराखंड तक में पड़ेगा जहां कांग्रेस सत्ता की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही है। यदि आम आदमी पार्टी मजबूत होती है तो वह दिल्ली की तरह इन राज्यों में भी कांग्रेस का ही वोट काटेगी और कांग्रेस इस स्थिति को नहीं आने देना चाहती। यही कारण है कि दिल्ली में केजरीवाल को आने वाले दिनों में कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है।    

झूठ की राजनीति का आरोप
दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने अमर उजाला से कहा कि अरविंद केजरीवाल अब तक केवल झूठ के बल पर राजनीति करते रहे हैं। वे दिल्ली में महिलाओं के कोई भत्ता नहीं देते, लेकिन पंजाब में उन्हें एक-एक हजार रूपये भत्ता देने की बात करते हैं। वे दिल्ली के युवाओं को एक रूपये का बेरोजगारी भत्ता नहीं देते, लेकिन पंजाब के युवाओं को तीन-तीन हजार रूपये भत्ता देने का वायदा करते हैं। 

उन्होंने कहा कि पंजाब का लगभग हर निवासी किसी न किसी कारण से दिल्ली आता-जाता रहता है, वह देख रहा है कि अरविंद केजरीवाल यहां कितने मुद्दों पर सफल हो रहे हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल की राजनीति कहीं दिल्ली को छोड़कर कहीं सफल नहीं हो पा रही है। 

गेस्ट टीचर्स का कष्ट
दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी पूरा करने के लिए गेस्ट टीचर्स को नियुक्त किया था। कोरोना काल में जब स्कूलों को बंद किया गया था, तब गेस्ट टीचर्स का अनुबंध पूरा होने के बाद उन्हें दुबारा  नौकरी पर नहीं रखा गया। गेस्ट टीचर्स का आरोप है कि केजरीवाल सरकार कोरोना काल में बेरोजगार हुए श्रमिकों को बेरोजगारी भत्ता देने का दिखावा करती है, जबकि उसके अपने स्कूलों में बेरोजगार हुए टीचर्स के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। आरोप है कि स्कूलों के खुलने के बाद भी टीचर्स को नियुक्त नहीं किया गया। ये अध्यापक अपनी नियुक्तियों को सरकारी किए जाने की भी मांग कर रहे हैं। 

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