प्रॉपर्टी मूल्यांकन के नाम पर याशी कंपनी ने आधा अधूरा सर्वे की औपचारिकता करके काम निपटा दिया। आधा अधूरा सर्वे करने पर अब शहरवासी परेशान हो रहे हैं। मूल्यांकन नोटिस में खामियां मिलने से प्रतिदिन नगर परिषद कार्यालय में 300 से ज्यादा लोग आकर शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। 11 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी है। अब नगर परिषद अधिकारी याशी कंपनी की ओर से बरती गई लापरवाही को लेकर मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगे। इसके बाद विभाग के आदेश अनुसार याशी कंपनी को नोटिस भी जारी किया जाएगा और कंपनी के खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा।
स्थानीय विभाग की माध्यम से सरकार शहरवासियों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूल करती है। लेकिन प्रॉपर्टी में बदलाव होता रहता है, इसलिए 10 साल बाद प्रॉपर्टी टैक्स के लिए नये सिरे से सर्वे होता है। सरकार के आदेश पर प्रदेश भर में दो साल पहले सर्वे किया गया। इसके लिए याशी कंपनी को ठेका जारी किया गया। लेकिन याशी कंपनी के कर्मचारियों ने लापरवाही से काम किया और डोर-टू-डोर सर्वे के नाम पर केवल रजिस्टर में पंजीकरण कर दिया। सर्वे कर्मचारियों ने केवल मकान दुकान की फोटो लेकर एंट्री कर दी।
अब मूल्यांकन नोटिस का वितरण हुआ तो सर्वे एजेंसी की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। शहर में करीब 80 हजार मूल्यांकन नोटिस वितरित किए गए लेकिन इनमें से 75 फीसदी में खामियां सामने आ रही हैं। इससे स्पष्ट है कि कंपनी ने सर्वे के नाम पर केवल औपचारिकता की।
प्रतिदिन आ रही 300 शिकायतें, शहरवासियों से साथ नप अधिकारी भी परेशान मूल्यांकन
नोटिस का वितरण शुरू होते ही शहरवासियों की ओर से शिकायतें आनी शुरू हो गई। हालांकि आम तौर पर सर्वे के बाद 10 से 15 फीसदी खामियां सामने आती हैं लेकिन इस सर्वे को लेकर 75 फीसदी खामियां सामने आई हैं। प्रतिदिन नगर परिषद में 300 से ज्यादा लोग शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। इससे शहरवासी तो परेशान हैं.
लेकिन नगर परिषद अधिकारी और कर्मचारी भी परेशान हो गए हैं। अब तक जिले भर से 11 हजार से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं। इसलिए नगर परिषद अधिकारियों ने सर्वे कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है। सर्वे कंपनी की ओर से बरती गई लापरवाही की रिपोर्ट अब नगर परिषद अधिकारी मुख्यालय भेजेंगे और कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे।