57 किसान संगठनों के साथ मिलकर एसकेएम के प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अनेक गांवों में पहुंचेंगे

संयुक्त किसान मोर्चा ‘एसकेएम’ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पहुंचेगा। गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में एसकेएम ने कहा, हमारे 57 किसान संगठन यूपी के गांव-गांव में पहुंचेंगे और लोगों से भाजपा को सजा देने की अपील करेंगे। हरियाणा के किसान संगठन भी उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में जाएंगे। एसकेएम नेता योगेंद्र यादव, दर्शनपाल और राकेश टिकैत ने कहा, भाजपा अपने वादों से मुकर गई है। लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी मंत्री अपने पद पर हैं। किसान आंदोलन में सरकार ने जिन वादों पर काम करने के लिए भरोसा दिलाया था, अब वह उन्हें भूल चुकी है। अब चुनाव में भाजपा को वही वादे याद दिलाने हैं।

नौ जगहों पर प्रेसवार्ता करेगा एसकेएम

प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने कहा, उत्तर प्रदेश के चुनाव में लोगों को बताया जाएगा कि भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। अभी तक सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया। उत्तर प्रदेश के 57 किसान संगठनों के साथ मिलकर एसकेएम के प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अनेक गांवों में पहुंचेंगे। दूसरे व तीसरे चरण के लिए प्रचार इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा। यूपी में अगर कोई दल या नेता खुद को किसानों से संबंद्ध बताता है तो उसके साथ एसकेएम का कोई नाता नहीं होगा। एसकेएम, गांव-गांव में जाकर लोगों को पर्चा वितरित करेगा। इसमें भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का खुलकर वर्णन किया गया है। एसकेएम नौ जगहों पर प्रेसवार्ता करेगा। इनमें मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, झांसी, सिद्धार्थनगर, बनारस, गोरखपुर व लखनऊ आदि शामिल है।

पंजाब भी जाएगा मोर्चा

योगेंद्र यादव ने कहा, हरियाणा और पंजाब से हजारों वालंटियर यूपी चुनाव में पहुंचेंगे। एसकेएम, किसी पार्टी के लिए वोट नहीं मांगेगा। वह तो केवल लोगों से इतना कहेगा कि वे भाजपा को सजा दें। हमारा काम किसानों विरोधी दलों को सबक सिखाना है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को क्या सजा मिलनी चाहिए, ये बात लोग अच्छे से जानते हैं। क्या आप पंजाब जाएंगे, इस सवाल के जवाब में किसान नेताओं ने कहा, वहां भी जा रहे हैं। वहां किसी दल को स्पोर्ट करने के लिए नहीं कहेंगे। एसकेएम ने उन लोगों को अपने संगठन से बाहर रखा है, जो नियमों के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ रहे हैं। किसी संगठन को बाहर नहीं किया है। नेताओं को बाहर रखा गया है। किसान संगठन सभी से चाहे वो अमरिंदर सिंह हों या अकाली दल, सवाल करेंगे।

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